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Largecap Vs Multicap Vs Midcap: कोरोना से प्रभावित बाजार में म्यूचुअल फंड निवेशक क्या करें

Largecap-Vs-Multicap-Vs-Midcap-Vs-Smallcap: मार्च लो के बाद से शेयर बाजार में अच्छी खासी तेजी आ चुकी है. इस तेजी के बीच निवेशक भी बाजार में जमकर पैसा लगा रहे हैं.

Largecap-Vs-Multicap-Vs-Midcap-Vs-Smallcap: मार्च लो के बाद से शेयर बाजार में अच्छी खासी तेजी आ चुकी है. इस तेजी के बीच निवेशक भी बाजार में जमकर पैसा लगा रहे हैं.

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Sushil Tripathi
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Largecap-Vs-Multicap-Vs-Midcap-Vs-Smallcap: मार्च लो के बाद से शेयर बाजार में अच्छी खासी तेजी आ चुकी है. इस तेजी के बीच निवेशक भी बाजार में जमकर पैसा लगा रहे हैं.

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Largecap-Vs-Multicap-Vs-Midcap-Vs-Smallcap: मार्च लो के बाद से शेयर बाजार में अच्छी खासी तेजी आ चुकी है. इस तेजी के बीच निवेशक भी बाजार में जमकर पैसा लगा रहे हैं. ऐसे में मार्च और अप्रैल में अपने निचले स्तरों पर आ गए इक्विटी फंडों में भी निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है. पिछले 3 महीनें में इक्विटी सेग्मेंट की हर कटेगिरी में डबल डिजिट में रिटर्न मिला है. हालांकि कोरोना वायरस के मामले देश और दुनिया में लगातार बढ़ रहे हैं, भारत चीन टेंशन बढ़ रहा है. इसलिए बाजार में अनिश्चितता भी बनी हुई है. सवाल यह उठता है कि ऐसे माहौल में निवेशक कहां पैसा लगाएं. लॉर्जकैप फंड, मिडकैप फंड, मल्टीकैप या स्मालकैप फंड में.

3 महीने में इक्विटी फंडों का रिटर्न

लॉर्जकैप फंड: 11.91 फीसदी

मिडकैप फंड: 18.83 फीसदी

मल्टीकैप फंड: 13.27 फीसदी

स्मालकैप फंड: 25.85 फीसदी

लॉर्ज एंड मिडकैप फंड: 14.54 फीसदी

1 साल का रिटर्न

लॉर्जकैप फंड: 4.82 फीसदी

मिडकैप फंड: 14.29 फीसदी

मल्टीकैप फंड: 7.14 फीसदी

स्मालकैप फंड: 16.73 फीसदी

लॉर्ज एंड मिडकैप फंड: 7.93 फीसदी

बाजार में अनिश्चितता, बैलेंस हो निवेश

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मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया के सीनियर फंड मैनेजर-इक्विटी, गौरव मिश्रा का कहना है कि करंट शेयर बाजार की मौजूदा रैली के बाद लॉर्जकैप और मिडकैप में ज्यादा अंतर करना मुश्किल है. बाजार में तेजी जरूरी है, लेकिन अभी भी निवेशकों के सामने अनिश्चितता की स्थिति है. कोविड—19 के बढ़ते मामले हों या जियो पॉलिटिकल टेंशन, बाजार में डर बना हुआ है. ऐसे में बेहतर है कि उन कंपनियों के साथ निवेश कर चलें, जिनका बिजसेन मॉडल मजबूत है, चाहे वे लॉर्जकैप हों या मिडकैप. फिलहाल अभी निवेश के लिए सबसे बेहतर सेग्मेंट मल्टीकैप है. मल्टीकैप में यह फ्लेक्सिबिलिटी होती है कि वह बाजार में वोलेटिलिटी के दौर में अवसरों के अनुसार पोर्टफोलियो को अलग अलग मार्केट कैप वाली कंपनियों में मूव कर सकते हैं.

रिस्क और निवेश का लक्ष्य देखकर लगाएं पैसा

BPN फिनकैप कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि आगे का माहौल देखें तो बाजार पर तनाव बढ़ सकता है. सर्दियां आने तक भारत और चीन के बीच टेंशन बढ़ने का डर बना हुआ है. बॉर्डर पर एक भी निगेटिव खबर बाजार का सेंटीमेंट बुरी तरह से बिगाड़ सकती है. दूसरी ओर अभी कोरोना वायरस का वैक्सीन बाजार में आने तक अनिश्चितता बनी रहेगी. बाजार अपने मार्च के लो के 45 फीसदी मजबूत हो चुका है. ऐसे में गिरावट की भी आशंका बनी हुई है. ऐसे में अभी भी लॉर्जकैप और मल्टीकैप ज्यादा सुरक्षित दिख रहे हैं. बेहतर है कि निवेशक अपने रिस्क लेने की क्षमता और निवेश का लक्ष्य देखकर ही पैसा लगाएं.

उनका कहना है कि अगर 10 साल या इससे ज्यादा समय तक का लक्ष्य है तो मिडकैप या स्मालकैप फंड का रुख कर सकते हैं. मिडटर्म का लक्ष्य है तो लॉर्ज एंड मिडकैप या मल्टीकैप बेहतर विकल्प हैं. वहीं शॉर्ट टर्म के लिए अभी भी लॉर्जकैप सबसे अच्छा विकल्प है. क्योंकि अचानक से बाजार में गिरावट आने पर लॉर्जकैप में मिडकैप या स्मालकैप के मुकाबले असर कम होता है.