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आईपीओ आने के बाद शुरुआती पांच वर्षों में सरकार एलआईसी में 75 फीसदी की हिस्सेदारी रखेगी और फिर लिस्टिंग के पांच साल के बाद इसे कम कर 51 फीसदी करेगी.
LIC IPO: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC का आईपीओ आने में अभी समय है और इससे पहले इसकी वित्तीय सेहत में सुधार दिख रहा है. वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी के एसेट क्वालिटी में सुधार दिखा और 4,51,303.30 करोड़ रुपये के कुल पोर्टफोलियो में इसका एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) 35,129.89 करोड़ रुपये का रहा. यह खुलासा एलआईसी की हालिया एनुअल रिपोर्ट से हुआ है. वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी का ग्रॉस एनपीए 7.78 फीसदी और नेट एनपीए 0.05 फीसदी रहा जोकि वित्त वर्ष 2020 के मुकाबले कम है. वित्त वर्ष 2020 में कुल डेट पोर्टफोलियो के मुकाबले एलआईसी का ग्रॉस एनपीए 8.17 फीसदी और नेट एनपीए 0.79 फीसदी था.
मैनेजमेंट ने निवेश और एसेट क्वालिटी का किया रिव्यू
एलआईसी के एनुअल रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में इसका एनपीए 35,129.89 करोड़ रुपये का रहा. इसका सब-स्टैंडर्ड एसेट्स 254.37 करोड़ रुपये, डाउटफुल एसेट्स 20,369.17 करोड़ रुपये और लॉस एसेट्स 14,506.35 करोड़ रुपये का रहा. इसके अलावा बीमा नियामक इरडा के गाइडलाइंस के मुताबिक एनपीए के लिए एलआईसी ने बुक ऑफ अकाउंट्स में 34,934.97 करोड़ रुपये रखे हैं. एनुअल रिपोर्ट में कहा गया है कि मैनेजमेंट ने एसेट क्वालिटी और रीयल एस्टेट, लोन, निवेश, अन्य फिक्स्ड एसेट्स इत्यादि में निवेश का रिव्यू किया है.
LIC में 51% हिस्सेदारी करेगी सरकार
केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में ही एलआईसी की लिस्टिंग के लिए एलआईसी एक्ट, 1956 को संशोधित किया है. इस संशोधन के मुताबिक आईपीओ आने के बाद शुरुआती पांच वर्षों में सरकार एलआईसी में 75 फीसदी की हिस्सेदारी रखेगी और फिर लिस्टिंग के पांच साल के बाद इसे कम कर 51 फीसदी करेगी. अभी सरकार के पास एलआईसी की 100 फीसदी हिस्सेदारी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के मुताबिक एलआईसी का आईपीओ चालू वित्त वर्ष 2021-22 में आ सकता है. यह आईपीओ 25 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है और इसका 10 फीसदी हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित किया जाएगा. लिस्ट होने के बाद बाजार पूंजी के आधार पर एलआईसी देश की सबसे बड़ी कंपनी हो सकती है. मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह 8-10 लाख करोड़ रुपये की बाजार पूंजी के साथ लिस्ट हो सकती है.