/financial-express-hindi/media/post_banners/LLpCBV6PBBxLeNZFASQv.jpg)
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ का निवेशक लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं.
LIC IPO: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ का निवेशक लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. आखिरकार कंपनी ने इस आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल कर दिया है. ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार सरकार आईपीओ के जरिए एलआईसी में करीब 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. सरकार इस आईपीओ के माध्यम से निवेशकों को कुल 632 करोड़ इक्विटी शेयरों में से 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेगी. यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) पर बेस्ड होगा. DRHP में कहा गया है कि LIC के एम्बेडेड मूल्य की गणना 31 सितंबर, 2022 तक 5.39 लाख करोड़ रुपये की गई है.
एलआईसी के आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए 50% हिस्सा आरक्षित होगा. आईपीओ का कम से कम 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए आरक्षित होगा. इसी तरह इश्यू का 35 फीसदी हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिज़र्व होगा. एलआईसी के कर्मचारियों के साथ ही सरकारी बीमा कंपनी के पॉलिसीधारकों के पास एलआईसी के आईपीओ में कोटा आरक्षित होगा. पॉलिसीहोल्डर्स और पात्र कर्मचारियों दोनों को आईपीओ में डिस्काउंट मिलने की उम्मीद है.
आईपीओ के मार्च में लॉन्च होने की उम्मीद
सरकार इस आईपीओ के माध्यम से 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 316,249,885 इक्विटी शेयर बेचना चाहती है. इस आईपीओ के मौजूदा वित्त वर्ष के अंत से पहले मार्च में लॉन्च होने की उम्मीद है. एलआईसी की एम्बेडेड वैल्यू एक हफ्ते पहले 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा तय की गई थी. यह आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस पर बेस्ड होगा इसलिए शेयर बिक्री से होने वाली आय भारत सरकार को जाएगी. इसका मतलब है कि बीमा कंपनी को इस आईपीओ से कोई धन प्राप्त नहीं होगा. एलआईसी का आईपीओ घरेलू बाजारों में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बन सकता है. पिछले साल पेटीएम का अब तक का सबसे बड़ा 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च हुआ था. यह रिकॉर्ड पहले कोल इंडिया के पास था, जिसका आईपीओ साल 2010 में आया था.
विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह आईपीओ अहम
सरकार के लिए एलआईसी का आईपीओ काफी अहम है, क्योंकि इसके ज़रिए वह अपने संशोधित 78 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करना चाहती है और राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखना चाहती है. इस वित्तीय वर्ष में अब तक सरकार विनिवेश के ज़रिए 12,000 करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही है. भारत सरकार के पास वर्तमान में एलआईसी में 100% हिस्सेदारी है.
कोटक महिंद्रा कैपिटल, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया), एक्सिस कैपिटल, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, बोफा सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल, सिटीग्रुप, जेपी मॉर्गन इंडिया और नोमुरा इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं. आईपीओ के सफल समापन पर एलआईसी के शेयर BSE और NSE पर लिस्ट होंगे.
(Article: Kshitij Bhargava)