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बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) के IPO का ग्रे मार्केट में क्रेज घट रहा है. (reuters)
LIC IPO Latest GMP, Listing Gains: बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) के IPO का ग्रे मार्केट में क्रेज घटता जा रहा है. इस इययू को निवेशकों का भी उतना बेहतर रिस्पांस नहीं मिला है, जितनी उम्मीद थी. फिलहाल मार्केट आब्जर्व करने वालों के अनुसार ग्रे मार्केट में LIC के शेयर का प्रीमियम घटकर माइनस 10 रुपये पर आ गया है. IPO के पहले दिन ग्रे मार्केट में LIC का प्रीमियम 100 रुपये के पार चला गया था. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि लिस्टिंग गेंस के अनुमान को लेकर निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए. यह शेयर लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएटर बन सकता है. अगर लिस्टिंग कमजोर भी हो तो जिन्हें आईपीओ में शेयर नहीं मिले, उन्हें खरीदना चाहिए.
GMP: ग्रे मार्केट में माइनस में गया भाव
ग्रे मार्केट में LIC के शेयर का लेटेस्ट प्रीमियम आज यानी 12 मई 2022 को माइनस 10 रुपये पर आ गया है. IPO Watch पर भी इसका प्रीमियम माइनस 10 रुपये पर ही दिख रहा है. इस हफ्ते की शुरूआत में ग्रे मार्केट में यह 40 रुपये के प्रीमियम पर था. जबकि आईपीओ के पहले दिन 4 मई को ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम 105 रुपये पर पहुंच गया था. अभी ग्रे मार्केट में शेयर माइनस 10 रुपये के भाव पर है. इस लिहाज से देखें तो अपर प्राइस बैंड 949 रुपये से शेयर 10 रुपये कमजेारी के साथ 939 रुपये पर लिस्ट हो सकता है.
कमजोर लिस्टिंग पर नए सिरे से करें निवेश
IIFL के VP-रिसर्च, अनुज गुप्ता LIC के शेयर को लेकर पॉजिटिव हैं. उनका कहना है कि 17 मई को शेयर बाजार में लिस्ट होना है, तबतक ट्रेंड में बदलाव भी आ सकता है. लेकिन अगर ऐसा नहीं भी होता है और शेयर डिस्काउंट पर लिस्ट हो तो घबराना नहीं चाहिए. जिन निवेशकों को शेयर मिल गया, वे इसमें लंबी अवधि तक बने रहें. जिन्हें नहीं मिला, उनके लिए कमजोर लिस्टिंग एक मौके की तरह होगा. इश्यू से कम भाव पर शेयर मिले तो नए सिरे से लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए.
लंबी अवधि का खिलाड़ी
अनुज गुप्ता इसे लंबी अवधि का खिलाड़ी मान रहे हैं. उनका कहना है कि देश में इंश्योरेंस सेक्टर का भविष्य बेहतर है. इस सेक्टर में LIC के पास 60 फीसदी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है. प्रोडक्ट पोर्टफोलियो मजबूत है. बहुत से लोगों के पोर्टफोलियो में किसी न किसी रूप में LIC मौजूद है. कंपनी का फोकस अब बड़े शहरों में भी बढ़ रहा है. सबसे अच्छी बात है कि कंपनी ने आईपीओ के लिए वैल्युएशन वाजिब रखा है. यह पियर्स की तुलना में आकर्षक है. वैल्युएशन ही पिछले दिनों आए कई आईपीओ के लिए चिंता बन गए थे.
Swastika Investmart Ltd के रिसर्च हेड संतोष मीना भी मानते हैं कि LIC लॉन्ग टर्म प्लेयर है. उनका कहना है कि का कहना है कि वैल्युएशन की बात करें तो यह लिस्टेड इंडियन पीयर्स के साथ ही ग्लोबल पीयर्स की तुलना में डिस्काउंट पर है. LIC भारत में बीमा का पर्याय है और इसे ब्रॉन्ड वैल्यू के मामले में एक बड़ा प्रतिस्पर्धात्मक बेनेफिट मिला हुआ है. हालांकि LIC के साथ निजी कंपनियों की तुलना में बाजार हिस्सेदारी खोने, कम प्रॉफिटैबिलिटी और रेवेन्यू ग्रोथ जैसी चिंताएं हैं.
निवेशकों का कैसा रहा है रिस्पांस
सब्सक्रिप्शन की बात करें तो LIC का इश्यू 2.95 गुना यानी करीब 295 फीसदी भरा है. कर्मचारियों और पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व हिस्से को अच्छा रिस्पांस मिला है. कर्मचारियों के लिए रिजर्व कोटा करीब 4.40 गुना भरा है. जबकि पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व कोटे को 6.11 गुना बोलियां मिली हैं. QIB का हिस्सा 2.83 गुना, NII का हिस्सा 2.91 गुना और रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व कोटा 1.99 गुना भरा है.
(Disclaimer: शेयर में निवेश की सलाह एक्सपर्ट के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)