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LIC IPO: अपडेटेड DRHP, मई में खुलेगा इश्यू! क्या हो सकता है प्राइस बैंड, चेक करें फुल डिटेल

खबरें आ रही हैं कि सरकार ने सेबी के पास अपडेट ड्रॉफ्ट पेपर जमा करा दिए हैं. वहीं मार्केट रेगुलेटर ने इसे मंजूरी भी दे दी है. यह इश्यू मई के पहले सप्ताह में आ सकता है.

खबरें आ रही हैं कि सरकार ने सेबी के पास अपडेट ड्रॉफ्ट पेपर जमा करा दिए हैं. वहीं मार्केट रेगुलेटर ने इसे मंजूरी भी दे दी है. यह इश्यू मई के पहले सप्ताह में आ सकता है.

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FE Online
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LIC IPO: अपडेटेड DRHP, मई में खुलेगा इश्यू! क्या हो सकता है प्राइस बैंड, चेक करें फुल डिटेल

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC के IPO का इंतजार अब खत्म होने वाला है. (reuters)

LIC IPO Detail: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) के IPO का इंतजार अब खत्म होने वाला है. केंद्र सरकार आईपीओ के जरिए LIC में 3.5 फीसदी हिस्सेदारी 21000 करोड़ रुपये में बेचेगी. इस बीच मीडिया रिपोर्ट आ रही हैं कि सरकार ने सेबी के पास अपडेट ड्रॉफ्ट पेपर जमा करा दिए हैं. वहीं मार्केट रेगुलेटर ने इसे मंजूरी भी दे दी है. सूत्रों का कहना है कि यह इश्यू मई के पहले सप्ताह में आ सता है. इसका प्राइस बैंड 950 रुपये से 1000 रुपये रह सकता है. फिलहाल इन सब बातों की आधिकरिक डिटेल इस हफ्ते कभी भी आ सकती है. बता दें कि LIC का IPO सबसे चर्चित इश्यू में शामिल है.

नए प्रस्ताव पर मुहर

बीते शनिवार को कंपनी के बोर्ड की मीटिंग में इश्यू साइज घटाने के नए प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है. इसके अनुसार केंद्र सरकार LIC में 3.5 फीसदी हिस्सेदारी 21000 करोड़ रुपये में बेचेगी. वहीं अगर इश्यू के समय एंकर निवेशकों से पर्याप्त डिमांड मिलती है तो ओवर सब्सक्रिप्शन की हालत में इसे बढ़ाकर 5 फीसदी तक किया जा सकता है.

प्राइस बैंड और आईपीओ डेट

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सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार LIC का IPO मई के पहले सप्ताह तक आ जाएगा. वहीं इसके लिए प्राइस बैंड 950 रुपये से 1000 रुपये रह सकता है. अगले 2 दिन के अंदर अपडेटेड ड्रॉफ्ट पेपर की पूरी जानकारी सामने आने की उम्मीद है. जिसमें लॉट साइज व अन्य जरूरी जानकारियां सामने आएंगी.

क्यों घटाया इश्यू का साइज

इससे पहले केंद्र सरकार ने LIC के IPO के तहत 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी. लेकिन रूस और यूक्रेन जंग के चलते बाजार में आई अस्थिरता की वजह से इश्यू साइज में कटौती करने का मन बनाया. वहीं इसी के चलते इश्यू लाए जाने की डेट भी आगे खिसक गई. LIC के 3.5 फीसदी शेयर 21 हजार करोड़ रुपये में बेचे जाने का मतलब यह होगा कि 100 फीसदी सरकारी स्वामित्व वाली इस कंपनी का वैल्युएशन 6 लाख करोड़ रुपये आंका जा रहा है. जबकि शुरुआत में यह वैल्युएशन करीब 16 लाख करोड़ रुपये तक आंका जा रहा था. यानी कंपनी के वैल्युएशन में करीब 10 लाख करोड़ रुपये की भारी कटौती की जा रही है.

कर्मचारियों और पॉलिसीधारकों के लिए

LIC ने अपने कर्मचारियों और पॉलिसीधारकों के लिए 5 फीसदी और 10 फीसदी इश्यू रिजर्व किया है. इन्हें IPO में शेयर खरीदने पर डिस्काउंट भी दिया जाएगा. इन दो श्रेणियों के साथ रिटेल निवेशकों के लिए 35 फीसदी हिस्सा रिजर्व रखा गया है. जबकि 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए और 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व है. विदेशी संस्थागत निवेशक क्यूआईबी हिस्से का हिस्सा होंगे.

सबसे बड़ा IPO

LIC के IPO का सरइज भले ही घटकर 21,000 करोड़ रुपये का हो गया है, लेकिन यह देश में सबसे बड़ा IPO होगा. अब तक, पेटीएम का आईपीओ 2021 में 18,300 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आईपीओ है. इसके बाद 2010 में कोल इंडिया लिमिटेड का 15,500 करोड़ रुपये और 2008 में रिलायंस पावर का 11,700 करोड़ रुपये का इश्यू आया था.

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