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बीमा कंपनी LIC के इनिशियल पब्लिक आफरिंग यानी IPO का इंतजार अब खत्म हो गया है. (File)
LIC IPO Valuation: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के इनिशियल पब्लिक आफरिंग यानी IPO का इंतजार अब खत्म हो गया है. यह इश्यू अगले महीने 4 मई को खुल रहा है और 9 मई को बंद होगा. कंपनी ने IPO के लिए प्राइस बैंड 902-949 रुपये प्रति शेयर तय किया है. LIC के आईपीओ के जरिये सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. इससे सरकार को 21,000 करोड़ रुपये मिलेंगे. सवाल यह उठता है कि क्या LIC IPO का वैल्युएशन आकर्षक है? 949 रुपये का शेयर निवेश के लिए लिस्टेड पीयर्स की तुलना में सस्ता है या महंगा?
पीयर्स की तुलना में वैल्युएशन आकर्षक
Swastika IInvestmart Ltd के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि 6 लाख करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर इश्यू का मतूल्य 1.1 के प्राइस टु एम्बेडेड वैल्यू पर है. इसे देखें तो यह लिस्टेड इंडियन पीयर्स के साथ ही ग्लोबल पीयर्स की तुलना में डिस्काउंट पर है. LIC भारत में बीमा का पर्याय है और इसे ब्रॉन्ड वैल्यू के मामले में एक बड़ा प्रतिस्पर्धात्मक बेनेफिट मिला हुआ है. हालांकि LIC के साथ निजी कंपनियों की तुलना में बाजार हिस्सेदारी खोने, कम प्रॉफिटैबिलिटी और रेवेन्यू ग्रोथ जैसी चिंताएं हैं. लेकिन प्राइस टु एंबेडेड वैल्यू का 1.1 गुना वैल्यूएशन इन चिंताओं को कम करता है.
लंबी अवधि के लिए बेहतर है इश्यू
निवेशकों को पता होना चाहिए कि बीमा का बिजनेस नेचर में लॉन्ग टर्म के लिए है, इसलिए हमें इश्यू को लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करना चाहिए. खासतौर से पॉलिसीहोल्डर्स को दी गई छूट के कारण इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए. रिटेल, पॉलिसीहोल्डर्स और कर्मचारी श्रेणियों के तहत आवेदनों के लिए अधिकतम निवेश सीमा 2 लाख रुपये है. इस तरह एक पॉलिसीधारक इस कैटेगरी के तहत अधिकतम 2 लाख रुपये और रिटेल श्रेणी के तहत अतिरिक्त 2 लाख रुपये के शेयरों के लिए आवेदन कर सकता है. वहीं पॉलिसीहोल्डर्स को प्रति शेयर 60 रुपये की छूट एक बंपर ऑफर है.
LIC भारत की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है. IPO की शुरुआत के दौरान, इसका वैल्युएशन 12 से 13 लाख करोड़ आंका गया था. लेकिन ग्लोबल इकोनॉमिक फैक्टर्स के चलते बढ़ती अस्थिरता के कारण सरकार ने वैल्युएशन को घटाकर 6 लाख करोड़ कर दिया है. सरकार अब इसमें अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी 21000 करोड़ रुपये में बेचेगी. इंटरनेशनल एक्चुरियल फर्म मिलिमैन एडवाइजर्स के अनुसार LIC की एम्बेडेड वैल्यू 30 सितंबर 2021 तक 5.4 लाख करोड़ रुपये थी. यह बीमा कंपनी में कंसॉलिडेटेड शेयरहोल्डर्स वैल्यू के आकलन का एक तरीका है.
सरकार ने घटाया है IPO का साइज
नए प्रस्ताव के मुताबिक केंद्र सरकार LIC में अब 3.5 फीसदी हिस्सेदारी 21000 करोड़ रुपये में बेचेगी. वहीं अगर इश्यू के समय एंकर निवेशकों से पर्याप्त डिमांड मिलती है तो ओवर सब्सक्रिप्शन की हालत में इसे बढ़ाकर 5 फीसदी तक किया जा सकता है. हालांकि पहले सरकार द्वारा 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्लान था. लेकिन रूस और यूक्रेन जंग के चलते बाजार में आई अस्थिरता आने से साइज में कटौती करने का मन बनाया. LIC के 3.5 फीसदी शेयर 21 हजार करोड़ रुपये में बेचे जाने का मतलब यह होगा कि 100 फीसदी सरकारी स्वामित्व वाली इस कंपनी का वैल्युएशन 6 लाख करोड़ रुपये आंका जा रहा है. जबकि शुरुआत में यह वैल्युएशन करीब 16 लाख करोड़ रुपये तक आंका गया था.
कर्मचारियों और पॉलिसीधारकों को डिस्काउंट
LIC पॉलिसीहोल्डर्स को शेयर खरीदने पर 60 रुपये और रिटेल इन्वेस्टर्स व कर्मचारियों को 40 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा. LIC ने अपने कर्मचारियों और पॉलिसीधारकों के लिए 5 फीसदी और 10 फीसदी इश्यू रिजर्व किया है. इन दो श्रेणियों के साथ रिटेल निवेशकों के लिए 35 फीसदी हिस्सा रिजर्व रखा गया है. जबकि 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए और 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व है. विदेशी संस्थागत निवेशक क्यूआईबी का हिस्सा होंगे.
(Disclaimer: LIC के IPO में निवेश की सलाह एक्सपर्ट हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)