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एंकर निवेशक आईपीओ जारी करने वाली कंपनी और खुदरा निवेशकों के बीच एक पुल का काम करते हैं.
Anchor Investors: LIC का IPO 4 मई को आम निवेशकों के लिए खुलने जा रहा है. लेकिन उससे पहले LIC ने एंकर निवेशकों से 5627 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं. एंकर निवेशकों के लिए यह इश्यू 2 मई को खुला था. आमतौर पर एंकर निवेशकों के लिए IPO एक कारोबारी दिन पहले खुल जाता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि एंकर निवेशक कौन हैं और इन्हें आम निवेशकों से पहले इश्यू सब्सक्राइब करने का मौका क्यों मिलता है? क्या एंकर निवेशक किसी तरह से स्टॉक के भाव को प्रभावित करते हैं? इन सभी सवालों के जवाब हम दे रहे हैं.
कौन हैं एंकर निवेशक?
एंकर निवेशक क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स (QIB) होते हैं. जैसे कि कोई संस्थान, म्यूचुअल फंड और पेंशन फंड इत्यादि. ये बड़ी संख्या में शेयर खरीदते हैं. जैसे कि एलआईसी के मामले में बात करें तो SBI म्यूचुअल फंड, ICICI प्रूडेंशियल, SBI लाइफ इंश्योरेंस, आदित्य बिड़ला सन लाइफ, एक्सिस म्यूचुअल फंड, HDFC ट्रस्टी, निप्पॉन लाइफ, कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस, L&T म्यूचुअल फंड, UTI म्यूचुअल फंड, सुंदरम म्यूचुअल फंड, आईडीएफसी एमएफ और बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस जैसी घरेलू इंश्योरेंस कंपनियां व पेंशन फंड्स के अलावा गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल, BNP इन्वेस्टमेंट्स LLC और मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर जैसे विदेशी निवेशकों समेत 123 एंकर निवेशकों ने शेयरों की खरीदारी की. बीएसई पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक एंकर निवेशकों को जितने शेयर आवंटित हुए हैं, उसमें करीब 71.12 फीसदी 15 घरेलू म्यूचुअल फंडों को 99 स्कीमों के जरिए मिले हैं.
एंकर निवेशकों की क्या होती है भूमिका
- ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक एंकर निवेशकों को वित्तीय बाजार में पहली बार वर्ष 2009 में पेश किया गया था और वे किसी इश्यू के क्यूआईबी हिस्से का अधिकतम 30 फीसदी सब्सक्राइब कर सकते हैं. प्रत्येक एंकर निवेशक को किसी इश्यू में कम से कम 10 करोड़ रुपये का निवेश करना होता है और वे कंपनी द्वारा तय किए गए भाव पर शेयर खरीदते हैं. एंकर निवेशकों की खरीदारी से खुदरा निवेशकों का आईपीओ को लेकर भरोसा बढ़ता है. इस प्रकार एंकर निवेशक आईपीओ जारी करने वाली कंपनी और खुदरा निवेशकों के बीच एक पुल का काम करते हैं.
- जैसे आम निवेशक लिस्टिंग गेन पर मुनाफा कमा सकते हैं, एंकर निवेशक ऐसा नहीं कर सकते हैं. उन्हें अलॉटमेंट डेट से 30 दिनों तक अपने शेयरों को होल्ड करना अनिवार्य हैं. हालांकि वे इसके बाद इसे होल्ड कर सकते हैं लेकिन इससे पहले नहीं. एंकर निवेशक बड़ी मात्रा में निवेश करते हैं तो ऐसे में अगर वे लिस्टिंग के बाद ही निकलेंगे तो इससे स्टॉक फिसल सकते हैं लेकिन 30 दिनों के लॉक-इन से यह आशंका खत्म हो जाती है.
(डिस्क्लेमर: यह लेख महज जानकारी के लिए है. एंकर निवेशकों के सब्सक्रिप्शन के अलावा आईपीओ में निवेश से पहले किसी कंपनी के फंडामेंटल्स, कंपनी के बारे में अन्य जानकारियां, लांग टर्म पोटेंशियल और मुनाफा कमाने की क्षमता का आकलन जरूर करना चाहिए. स्टॉक्स में निवेश से पहले अपने सलाहकार से संपर्क कर लें.)