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कोरोना वायरस के चलते कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडस्ट्री पर दोहरी मार पड़ी है.
कोरोना वायरस के चलते कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडस्ट्री पर दोहरी मार पड़ी है.COVID-19 Impact on Consumer & Durable Industry: कोरोना वायरस के चलते कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडस्ट्री पर दोहरी मार पड़ी है. पहले जहां चीन से सप्लाई चेन टूटने की वजह से इंडस्ट्री में सुस्ती आई थी. वहीं अब देश में लॉकडाउन ने इंडस्ट्रह की कमर ही तोड़ दी है. 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन से कंपनियों की बिक्री ठप्प पड़ गई है. अप्रैल भी कंपनियों के लिए तकरीबन जीरो बिजनेस की ओर ही जा रहा है. हालत यह है कि सीजनल प्रोडक्ट सेल ना के बराबर है. एक्सपर्ट का कहना है​ कि लॉकडाउन को लेकर जिस तरह से अनिश्चितता है, उसी तरह से कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडस्ट्री के रेवेन्यू को लेकर भी अनिश्चितता बढ़ गई है. अर्थव्यवस्था के कमजोर होने से भी सेकटर की कमर टूटेगी. फिलहाल एक्सपर्ट कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडस्ट्री से जुड़े ज्यादातर शेयरों से दूर ही रहने की सलाह दे रहे हैं.
कमजोर आउटलुक के पीछे ये हैं फैक्टर
- ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल का कहना है कि देश में चल रहे लॉकडाउन और इसकी वजह से अर्थव्यवस्था के कमजोर होने का बड़ा असर कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडस्ट्री पर ही होगा. मौजूदा समय में जहां कंपनियों की बिक्री रिकॉर्ड लो पर आ गई है. आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में सुस्ती के चलते भी एक बड़ा वर्ग खरीददारी करने की स्थिति में नहीं होगा. ऐसे में FY21-22 के दौरान कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल और ड्यूरेबल कंपनियों की अर्निंग में 8-39 फीसदी कटौती का अनुमान है. बता दें कि लॉकडाउन के चलते लोगों की कमाई पर भी असर हो रहा है. कमाई घटने से कंजम्पशन भी प्रभावित होगा.
- डिस्ट्रीब्यूशन चैनल को लिक्विडिटी की समस्या झेलनी पड़ रही है, जिसके चलते वर्किंग कैपिटल साइकिल में किसी भी बढ़ोत्तरी की उम्मीद नहीं है. कमजोर डिमांड और टाइट लिक्विडिटी की वजह से समस्या और बढ़ रही है, खासतौर से गर्मियों से जुड़े प्रोडक्ट की बिक्री को लेकर.
- यह कहना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है कि इंडस्ट्री में डिमांड में कब तक पूरी रिकवरी आ पाएगी. ऐसे में जो कंपनियां सीजनल प्रोडक्ट और B2B सेग्मेंट में ज्यादा निर्भर हैं, उन्हें रिकवर होने में सबसे लंबा वक्त लगेगा. हावेल्स जैसी कंपनियों पर इसकी सबसे ज्यादा मार देखी जा सकती है.
ब्रोकरेज हाउस के अनुसार मौजूदा कंडीशन में सिर्फ क्रॉम्पटन और डिक्सन ही ऐसी कंपनियां दिख रही हैं, जिनके शेयरों में कुछ खरीददारी की जा सकती है. जबकि ब्लू स्टार, V-Guard, वोल्टास, हैवल्स, व्हर्लपूल और एंबर इंटरप्राइजेज से दूर ही रहने की सलाह है. पहले से निवेया है तो होल्ड कर रखें.
कैसे बनाएं स्ट्रैटेजी
एंबर इंटरप्राइजेज
रेटिंग: HOLD
करंट प्राइस: 1265 रुपये
टारगेट प्राइस: 1184 रुपये
ब्लू स्टार
रेटिंग: HOLD
करंट प्राइस: 440 रुपये
टारगेट प्राइस: 491 रुपये
हैवल्स इंडिया
रेटिंग: HOLD
करंट प्राइस: 485 रुपये
टारगेट प्राइस: 497 रुपये
V-Guard इंडस्ट्रीज
रेटिंग: HOLD
करंट प्राइस: 161 रुपये
टारगेट प्राइस: 165 रुपये
वोल्टास
रेटिंग: HOLD
करंट प्राइस: 472 रुपये
टारगेट प्राइस: 470 रुपये
व्हर्लपूल
रेटिंग: HOLD
करंट प्राइस: 1781 रुपये
टारगेट प्राइस: 1885 रुपये
क्रॉम्पटन ग्रीव्स
रेटिंग: BUY
करंट प्राइस: 204 रुपये
टारगेट प्राइस: 260 रुपये
डिक्सन टेक्नोलॉजी
रेटिंग: BUY
करंट प्राइस: 3569 रुपये
टारगेट प्राइस: 3908 रुपये
(Source: Emkay Global)
(नोट: यहां दी गई जानकारी ब्रोकरेज हाउस की निजी सलाह है. हमने यहां निवेश की सलाह नहीं दी है. शेयर बाजार के जोखिम को देखते हुए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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