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एफएमसीजी कंपनी HUL ने एलान किया है कि वह चरणबद्ध तरीके से साबुन की कीमतों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी.HUL to Increase Soap Prices: बजट में क्या सस्ता होगा और क्या महंगा होगा, इसका ऐलान तो वित्त मंत्री कर ही सकती हैं. लेकिन बजट से पहले ही हिंदुस्तान यूनिलीवर ने आम आदमी को झटका दे दिया है. एफएमसीजी कंपनी ने एलान किया है कि वह चरणबद्ध तरीके से साबुन की कीमतों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी. कंपनी का कहना है कि पाम तेल की बढ़ती लागत के मद्देनजर कंपनी यह कदम उठाने जा रही है. कंपनी के पास कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जो लोगों में बेहद पॉपुलर हैं.
साबुन कटेगिरी में ये हैं कंपनी के पॉपुलर ब्रांड
साबुन श्रेणी में एचयूएल अग्रणी कंपनी है. कंपनी के लोकप्रिय ब्रांडों में डव, लक्स, लाइफब्वॉय, पीयर्स, हमाम, लिरिल और रेक्सोना शामिल हैं. एचयूएल के मुख्य वित्त अधिकारी श्रीनिवास पाठक ने कहा कि पिछले 6 माह में पाम तेल का दाम 25 से 30 फीसदी बढ़ा है. पाठक ने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा कि हम अपने पोर्टफोलियो में साबुन की कीमतें बढ़ाएंगे. इसके तहत कीमतों में 5 से 6 फीसदी की बढ़ोतरी करेंगे. यह बढ़ोत्तरी फेजवाइज तरीके से की जाएगी.
दिसंबर, 2019 को समाप्त तिमाही में एचयूएल का शुद्ध लाभ 12.95 फीसदी बढ़कर 1,631 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस दौरान कंपनी की बिक्री 3.87 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 9,953 करोड़ रुपये रही है.
क्यों बढ़ी पाम आयल की कीमतें
बता दें कि कश्मीर में धारा 370 हटाने पर और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बयान देने के बाद भारत ने मलेशिया से पाम तेल के आयात पर रोक लगा दी थी. भारत सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन वनस्पति तेलों का आयात करता है. इसमें पाम तेल का हिस्सा 90 लाख टन है. बाकी 60 लाख टन सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात होता है. पाम तेल मुख्य तौर पर इंडोनेशिया और मलेशिया से आता है.
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