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डोमेस्टिक इक्विटी मार्केट की दिशा इस सप्ताह मैक्रो इकोनॉमिक डेटा और कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी.
Market Outlook for this Week: डोमेस्टिक इक्विटी मार्केट की दिशा इस सप्ताह मैक्रो इकोनॉमिक डेटा और कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी. इसके अलावा ग्लोबल ट्रेंड्स और फॉरेन फंड्स का रुख भी बाजार के नज़रिए से अहम रहेगा. एनालिस्ट्स ने यह राय जताई है. एनालिस्ट्स का कहना है कि बाजार भागीदारों की निगाह इसके साथ ही रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार भागीदार सबसे पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के तिमाही नतीजों पर प्रतिक्रिया देंगे. इसके अलावा 12 जुलाई को इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बेस्ड इन्फ्लेशन (CPI) व 14 जुलाई को होलसेल प्राइस इंडेक्स बेस्ड इन्फ्लेशन (WPI) के आंकड़े आने हैं. घरेलू घटनाओं के अलावा अमेरिकी बाजारों का रुख और कच्चे तेल के दाम निवेशकों की रडार पर रहेगा.
TCS का जून तिमाही का नतीजा शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आया था. तिमाही के दौरान कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 5.2 फीसदी बढ़कर 9,478 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इसके अलावा तिमाही के दौरान कंपनी की आय 16.2 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 52,758 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. ब्रोकरेज कंपनी प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि रेवेन्यू और मार्जिन दोनों मोर्चों पर कंपनी लक्ष्य से चूकी है.
इन कंपनियों के आएंगे तिमाही नतीजे
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा कि सप्ताह के दौरान ACC, HCL टेक्नोलॉजीज, जिंदल स्टील एंड पावर, माइंड ट्री, फेडरल बैंक और एचडीएफसी बैंक भी अपने जून तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगे. मीणा ने कहा, ‘‘IIP और CPI के आंकड़े 12 जुलाई को और WPI के 14 जुलाई को आएंगे. वैश्विक मोर्चे पर बात की जाए, तो अमेरिका के CPI, IIP और रोजगार के आंकड़े बाजार की दृष्टि से अहम रहेंगे.’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का रुख, रुपये की दिशा और कच्चे तेल के दाम भी बाजार की चाल तय करेंगे.
सैमको सिक्योरिटीज के अपूर्व सेठ ने कहा, ‘‘इस सप्ताह कई घटनाएं बाजार के लिए अहम होंगे. बाजार भागीदारों की निगाह अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़ों और बेरोजगारी दावों पर रहेगी.’’ उन्होंने कहा कि इन्फ्लेशन की समस्या सिर्फ पश्चिम में नहीं है. ऐसे में भारत के मुद्रास्फीति के आंकड़े भी अहम होंगे. सेठ ने कहा, ‘‘कंपनियों के तिमाही नतीजे मार्केट सेंटीमेंट को प्रभावित करेंगे. भविष्य के लिए कंपनियां क्या राय जताती हैं उसमें भी दलाल स्ट्रीट की काफी रुचि रहेगी.’’
(इनपुट-पीटीआई)