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मैक्रो इकोनॉमिक डेटा और संकेतकों के अभाव में इस हफ्ते कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे.
Market Outlook in Hindi: मैक्रो इकोनॉमिक डेटा और संकेतकों के अभाव में इस हफ्ते कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक बाजारों में उत्साह के अभाव से यहां उतार-चढ़ाव रह सकता है. बुधवार को बकरीद के मौके पर शेयर बाजार बंद रहेंगे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि यह कम कारोबारी सत्रों वाला हफ्ता है. वैश्विक घटनाक्रम और तिमाही नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे. इसके अलावा कोविड-19 से जुड़े घटनाक्रम और मानसून की प्रगति से भी बाजार का रुख तय होगा. उन्होंने आगे कहा कि इस हफ्ते के दौरान कई बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम आने हैं.
मिश्रा ने कहा कि इस हफ्ते रिलायंस, ACC, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, बजाज ऑटो, HCL टेक्नोलॉजीज, HDFC लाइफ इंश्योरेंस, ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, अल्ट्राटेक सीमेंट, अंबुजा सीमेंट और JSW स्टील जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम आएंगे.
रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा कि उनके विचार में मानसून की प्रगति, पहली तिमाही के नतीजे, कोविड-19 संक्रमण की दर निकट भविष्य में शेयर बाजारों की दिशा तय करेगी. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि हम तिमाही नतीजों के सीजन में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में बाजार की दिशा तिमाही नतीजों और कंपनियों के प्रबंधन की टिप्पणियों पर निर्भर करेगी. हफ्ते के दौरान क्षेत्र विशेष आधारित गतिविधियां देखने को मिलेंगी. हालांकि, वैश्विक बाजारों में सुस्ती तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है.
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बीते हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 753 अंक या 1.43 फीसदी के लाभ में रहा. सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंने और क्रमश: 1.4 फीसदी और 1.5 फीसदी की बढ़त में रहे. विश्लेषकों ने कहा कि इसके साथ ही बाजार भागीदारों की निगाह डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम और विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश के रुख पर रहेगी.