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Market Outlook: ग्लोबल ट्रेंड, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी इस हफ्ते बाजार की दिशा, एक्सपर्ट्स की राय

मंथली डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. मानसून की प्रगति पर सभी की निगाह रहेगी. निकट अवधि में इससे निवेशकों की धारणा पर असर पड़ सकता है.

मंथली डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. मानसून की प्रगति पर सभी की निगाह रहेगी. निकट अवधि में इससे निवेशकों की धारणा पर असर पड़ सकता है.

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FE Hindi Desk
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वैश्विक स्तर पर इस हफ्ते 27 जून को अमेरिकी जीडीपी जैसे आर्थिक आंकड़े आने हैं. (Image : FE File)

Market Outlook this week: मंथली डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान (monthly derivatives expiry) की वजह से इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. हफ्ते के दौरान शेयर बाजारों की दिशा ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. इसके अलावा, मानसून की प्रगति और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी हफ्ते के दौरान निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे. वैश्विक स्तर पर इस हफ्ते 27 जून को अमेरिकी जीडीपी जैसे आर्थिक आंकड़े आने हैं. पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 217.13 अंक या 0.28 फीसदी के लाभ में रहा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 35.5 अंक या 0.15 फीसदी चढ़ गया था.

क्या है एक्सपर्ट्स की राय

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा कि इस हफ्ते, बजट से जुड़ी चर्चाओं के बीच क्षेत्र विशेष गतिविधियों की उम्मीद है. मानसून की प्रगति पर सभी की निगाह रहेगी. निकट अवधि में इससे निवेशकों की धारणा पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि निवेशक समग्र भावना का आकलन करने के लिए एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) और डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशक) कोष प्रवाह के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों पर भी नजदीकी नजर रखेंगे.  

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रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर रिसर्च वाइस प्रेसिडेंट अजित मिश्रा ने कहा कि बजट से संबंधित घटनाक्रम और वैश्विक बाजार के संकेतक, विशेष रूप से अमेरिकी बाजार से संकेतों पर निवेशकों का ध्यान रहेगा. उन्होंने कहा कि जून माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कुल मिलाकर बाजार के स्थिर रहने की संभावना है. बजट से संबंधित क्षेत्रों में भी सक्रियता बनी रह सकती है.

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि बाजार सहभागियों की नजर मानसून की आगे की प्रगति पर रहेगी. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे बजट और कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

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