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Market Outlook: इस हफ्ते मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई (PMI) के आंकड़े आने हैं. और वाहन कंपनियों के मंथली सेल्स के आंकड़ों की भी घोषणा होगी. (Express Photo)
Market Outlook this week: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी मीटिंग (RBI MPC MEET), वृहद आर्थिक आंकड़े, ग्लोबल ट्रेंड और फॉरेन इनवेस्टर ट्रेड एक्टिविटीज से इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों की दिशा तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. सोमवार दो अक्टूबर को ‘गांधी जयंती’ के अवसर पर बाजार बंद रहेंगे.
निवेशकों की इन पर होगी नजर
इस हफ्ते निवेशकों की नजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ब्याज दर फैसलों पर होगी. आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 4 अक्टूबर से शुरू होगी. तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक के नतीजों का एलान 6 अक्टूबर को होगा. इसके अलावा इस हफ्ते मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई (PMI) के आंकड़े आने हैं. और वाहन कंपनियों के मंथली सेल्स के आंकड़ों की भी घोषणा होगी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
- कोटक सिक्योरिटीज लि. के रिटेल रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘जहां वैश्विक संकेतक बाजार की दिशा के लिए अहम होंगे, वहीं शुक्रवार को आने वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा पर सभी का खास ध्यान रहेगा. हालांकि, बाजार ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति की उम्मीद कर रहा है, लेकिन डॉलर सूचकांक की मजबूती और बॉन्ड यील्ड के अलावा कच्चे तेल के दाम निवेशकों की चिंता का विषय बने हुए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, सितंबर में भारत सहित उभरते बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की सतत बिकवाली ने बाजार को प्रभावित किया है.’’
- स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौर ने कहा, ‘‘बाजार रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक पर बारीकी से नजर रखेगा. तीन दिन की यह बैठक चार अक्टूबर को शुरू होगी. बैठक के नतीजों की घोषणा 6 अक्टूबर को की जाएगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाजार भागीदारों की नजर डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) का रुख भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा.’’
- जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सितंबर में लगातार बिकवाल बने रहे.’’ उन्होंने कहा कि डॉलर के लगातार मजबूत रहने से एफपीआई ने भारतीय बाजार में बिकवाली की. डॉलर सूचकांक बढ़कर 107 के करीब पहुंच गया है. इसके अलावा अमेरिका में बॉन्ड यील्ड भी लगातार बढ़ रहा है. 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड 4.7 फीसदी हो गया है.
- कच्चे तेल का दाम 97 डॉलर प्रति बैरल के पास है. इन सब कारकों ने भी एफपीआई की बिकवाली को बढ़ावा दिया है. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 180.74 अंक या 0.27 फीसदी नीचे आया. वहीं निफ्टी में 35.95 अंक या 0.18 फीसदी का नुकसान रहा.
- मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘बाजार कुछ प्रमुख घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़ों से दिशा लेगा. इस सप्ताह विभिन्न देशों के एसएंडपी वैश्विक विनिर्माण और सेवा पीएमआई आंकड़े आने हैं. इसके अलावा ओपेक की बैठक भी है. अमेरिका के कारखाना ऑर्डर और बेरोजगारी दावों के आंकड़े भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे. घरेलू मोर्चे पर आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक और वाहन कंपनियों के मासिक बिक्री आंकड़े बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे.’’