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Market Outlook: कंपनियों के तिमाही नतीजों, कच्चे तेल की कीमतों से तय होगी इस हफ्ते बाजार की दिशा, इजराइल-हमास जंग का भी दिखेगा असर

Market Outlook: कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों, कच्चे तेल की कीमतों और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अनिश्चितता से इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय होगी.

Market Outlook: कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों, कच्चे तेल की कीमतों और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अनिश्चितता से इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय होगी.

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FE Hindi Desk
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Market Outlook: इस हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियां भी बाजार के रूख को प्रभावित करेंगी. (Photo Express)

Market Outlook This Week: कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों, कच्चे तेल की कीमतों और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अनिश्चितता से इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियां भी बाजार को प्रभावित करेंगी.

शेयर बाजार बीते हफ्ते सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए, जिसका मुख्य कारण घरेलू समर्थन था.पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 287.11 अंक या 0.43 फीसदी चढ़ा. 

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क्या कहते हैं जानकार

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस हफ्ते कई दिग्गज कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं, जिनका बाजार की दिशा पर काफी असर पड़ेगा. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की हालिया बिकवाली को देखते हुए उनका रुख भी महत्वपूर्ण होगा’’ अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार वृद्धि और इजराइल-हमास जंग के चलते बने अनिश्चित माहौल के बीच विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक लगभग 9,800 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में संघर्ष को लेकर चिंताएं जारी रहने के बावजूद दूसरी तिमाही के नतीजों को लेकर सकारात्मक उम्मीदों और वैश्विक बॉन्ड यील्ड में नरमी के चलते भारतीय बाजारों ने वापसी की.'' 

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व्यापक आर्थिक मोर्चे पर  विनोद नायर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर के आंकड़ों में महत्वपूर्ण गिरावट और औद्योगिक उत्पादन जैसे घरेलू कारकों ने आशावाद को बनाए रखने में मदद की. उन्होंने कहा कि हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर के कमजोर आय पूर्वानुमानों और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने बाजार को प्रभावित किया.

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