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Maruti Suzuki Q1 Results: मारुति का मुनाफा 130 बढ़कर 1.13 करोड़, कंपनी की आय बढ़कर 26,512 करोड़

Maruti Suzuki का रेवेन्यू जून तिमाही में बढ़कर 26,512 करोड़ रुपये हो गया, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 17,776 करोड़ रुपये था.

Maruti Suzuki का रेवेन्यू जून तिमाही में बढ़कर 26,512 करोड़ रुपये हो गया, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 17,776 करोड़ रुपये था.

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FE Hindi Desk
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With chip supply improving, Maruti looks to produce 2 million cars this fiscal

Maruti Suzuki Q1FY23: देश की लीडिंग कार मेकिंग कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) का मुनाफा वित्त वर्ष 2023 की जून तिमाही में 130 फीसदी बढ़ गया है. जून तिमाही में कंपनी को 1036 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 475 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. जून तिमाही में कंपनी के रेवेन्यू में भी 51 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. सालाना बेसिस पर बात करें तो कोविड के चलते लो बेस होने का फायदा कंपनी को मिला है. आज मारुति के शेयरों में 2 फीसदी से ज्यादा तेजी देखने को मिली थी और शेयर 8,707 रुपये तक मजबूत हुआ.

रेवेन्यू जून तिमाही में बढ़कर 26,512 करोड़

Maruti Suzuki का रेवेन्यू जून तिमाही में बढ़कर 26,512 करोड़ रुपये हो गया, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 17,776 करोड़ रुपये था. सेल्स वॉल्यूम सालाना आधार पर 3,53,614 यूनिट से बढ़कर 4,67,931 यूनिट रहा है. कंपनी का Ebit मार्जिन जून तिमाही में 450 बेसिस अंक बढ़कर 5 फीसदी हो गया है. कैपेसिटी यूटिलाइजेशन में सुधार के चलते सेल्स वॉल्यूम बेहतर रहा है. वहीं इस तिमाही में कीमतें भी बढ़ी हैं, जिसका फायदा कंपनी को मिला. कंपनी ने खर्चों पर भी लगाम लगाई थी, जिसका फायदा जून तिमाही में देखने को मिला.

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उत्पादन प्रभावित रहा

मारुति सुजुकी का कहना है कि जून तिमाही में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कमी के कारण लगभग 51,000 वाहनों का उत्पादन नहीं हुआ. तिमाही के अंत में पेंडिंग ग्राहक ऑर्डर लगभग 280,000 वाहनों के थे और कंपनी इन आदेशों को तेजी से पूरा करने का प्रयास कर रही है. मारुति सुजुकी ने कहा कि कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी ने आपरेटिंग प्रॉफिट पर निगेटिव असर डाला है और कंपनी को इस प्रभाव को आंशिक रूप से ऑफसेट करने के लिए वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

मार्क-टू-मार्केट लॉस के कारण इस तिमाही में नॉन-ऑपरेटिंग इनकम कम होने से प्रॉफिट बिफोर टैक्स भी प्रभावित हुआ है. कंपनी ने ग्राहकों पर प्रभाव को कम करने के लिए लागत में कमी के प्रयासों पर काम करना जारी रखा है.

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