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मसालों का कारोबार हाई मार्जिन वाला माना जाता है. (Image-MDH Instagram)
एफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर (HUL) को अपना कारोबार बेचने की खबरों को मसाला बनाने वाली दिग्गज कंपनी MDH ने आधारहीन बताया है. इससे पहले कुछ रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि एमडीएच के प्रमोटर्स अपना कारोबार बेचने के लिए एचयूएल के साथ बातचीत कर रहे हैं. एमडीएच ने ट्वीट के जरिए ऐसी सभी रिपोर्ट्स को पूरी तरह से आधारहीन बताया है. रिपोर्ट के दावे के मुताबिक यह डील 10-15 हजार करोड़ रुपये की होने वाली थी.
विरासत को आगे बढ़ाएगी MDH
एमडीएच के चेयरमैन राजीव गुलाटी ने लिखा है कि एमडीएच एक विरासत है जिसे महाशय चुनीलाल और महाशय धरमपाल ने जिंदगी भर संवारा है और अब उनके विरासत को आगे ले जाने की जिम्मेदारी है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एचयूएल एमडीएच में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने वाली है जिसे आज एमडीएच ने आधारहीन बताया है. वहीं दूसरी तरफ लक्स, लाइफबॉय, सर्फ एक्सेल, रिन, व्हील और पॉन्ड्स जैसे प्रोडक्ट्स की बिक्री करने वाली एचयूएल के प्रवक्ता ने कहा कि वे मार्केट स्पेक्यूलेशन पर कोई टिप्पणी नहीं करते हैं.
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मसालों के कारोबार में आईटीसी और टाटा कंज्यूमर्स भी
हाल ही में आईटीसी और टाटा कंज्यूमर्स ने स्पाइस सेग्मेंट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी जिसे हाई मार्जिन वाला कारोबार माना जाता है. करीब दो साल पहले आईटीसी ने पूर्वी भारत की दिग्गज कंपनी सनराइज फूड्स में हिस्सेदारी खरीदी थी. यह सौदा करीब 2150 करोड़ रुपये का था. एमडीएच की बात करें तो धरमपाल गुलाटी आजादी के समय पाकिस्तान के सियालकोट से भारत आकर अपनी फैमिली कंपनी को आगे बढ़ाया और हजारों करोड़ रुपये का बिजनस एंपायर खड़ा किया. गुलाटी की दिसंबर 2020 में मौत हुई और उनके बाद कारोबार को अगली पीढ़ी ने संभाला. एमडीएच 60 से अधिक प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है और इसके मसाले विदेशों में भी भेजे जाते हैं.
(इनपुट: पीटीआई)