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हाजिर बाजार में मेंथा ऑयल का भाव 1345.90 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया.
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Mentha Oil Price Today: मेंथा ऑयल की कीमतों पर आवक बढ़ने का दबाव दिख रहा है. मंगलवार को एमसीएक्स पर मेंथा ऑयल के भाव 1195 रुपये प्रति किलो के स्तर पर खुले. जबकि सोमवार के कारोबार में भाव 1.49 फीसदी की गिरावट के साथ 1193.5 रुपये पर सेटल हुए थे. हाजिर बाजार में मेंथा ऑयल का भाव 1345.90 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया. वहींं, भारतीय रुपये में रिकवरी के चलते ग्लोबल मार्केट में मेंथा ऑयल की एक्सपोर्ट डिमांड बढ़ सकती है.
एक्सपर्ट का मानना है कि मेंथा के फंडामेंटल अभी भी कमजोर बने हुए हैं, लेकिन अच्छी बात है कि यह 1200 का स्तर होल्ड करने में कामयाब रहा है. आगे डिमांड सीजन शुरू होने के चलते मेंथा में तेजी देखने को मिल सकती है.
केडिया कमोडिटी के अनुसार, मंगलवार को मेंथा ऑयल 1178.3-1215.1 रुपये के बीच कारोबार कर सकता है. तकनीकी तौर पर देखें तो मार्केट में नई बिकवाली है. मेंथा ऑयल का ऊपरी स्तर पर 1185.9 रुपये पर सपोर्ट रहेगा. निचले स्तर पर यह 1178.3 रुपये का स्तर दिखा सकता है. 1204 का स्तर यदि तोड़ता है तो यह 1215 का स्तर भी दिखा सकता है.
उत्पादन 30-40% बढ़ने का अनुमान
मेंथा ऑयल का साल 2019-20 के दौरान उत्पादन 30-40 फीसदी बढ़ सकता है. उत्तर प्रदेश के बड़े सेंटर्स से आवक कम रहने के बीच हाजिर बाजार में डिमांड भी कम है. पिछले साल अच्छी कीमतों के चलते इस साल किसानों ने अधिक बुवाई की. ऐसे में औसत रकबा बढ़ने से भी कीमतों पर दबाव बना हुआ है. 2019 में मेंथा ऑयल का उत्पादन 48,000-50,000 टन रह सकता है. पिछले साल यह 3,000-35,000 टन था.
बढ़ सकती है एक्सपोर्ट डिमांड
भारतीय रुपये में रिकवरी के चलते ग्लोबल मार्केट में मेंथा ऑयल की एक्सपोर्ट डिमांड बढ़ सकती है. रुपये में मजबूती से कीमतों को सपोर्ट मिलेगा. अमेरिका और चीन के बीच चह रहे ट्रेड वार का असर भी मेंथा ऑयल की कीमतों पर दिखाई देगा. चीन और अमेरिका भारतीय मेंथा ऑयल के बड़े आयातक हैं. दोनों देशों के बीच ट्रेड वार से इस बार निर्यात कम रहेगा. इसके चलते भी कीमतों पर दबाव बना रह सकता है. बता दें, भारत अपने कुल मेंथा उत्पादन का करीब 60 से 62 फीसदी निर्यात करता है.
Mentha Oil: सर्दियों में बढ़ेगी डिमांड
मेंथा एक खुशबूदार जड़ी बूटी और भारत में इसे जापानी पुदीना के नाम से जाना जाता है. मेंथा तेल और उसके डेरिवेटिव्स को बड़े पैमाने पर भोजन, दवा, इत्र और फ्लेवरिंग इंडस्ट्री में उपयोग किया जाता है. भारत मेंथा तेल और उसके डेरिवेटिव्स का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. इसकी कीमतों पर उत्पादन और घरेलू मांग के अलावा चीन, अमेरिका और सिंगापुर जैसे प्रमुख आयातक देशों से आयात की मांग और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पर भी निर्भर करती है. सर्दियों में आमतौर पर दवा कंपनियों की मेंथा ऑयल के लिए घरेलू मांग बढ़ जाती है.