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भारत मेंथा तेल और उसके डेरिवेटिव्स का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. (प्रतीकात्मक)
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Mentha Oil Price Today: मेंथा ऑयल की कीमतों को कुछ सपोर्ट मिलता दिख रहा है. शुक्रवार को एमसीएक्स पर मेंथा ऑयल में मामूली बढ़त के साथ 1195.90 पर कारोबार शुरू हुआ. मेंथा ऑयल 1200 रुपये के ऊपर कारोबार कर रहा है. बुधवार को यह 1194.8 रुपये प्रति किलो पर सेटल हुआ था.एक्सपर्ट का कहना है कि मेंथा को लेकर फंडामेंटल अभी भी कमजोर बने हुए हैं. वहीं बाजार में आवक भी जारी है. ऐसे में शॅर्ट टर्म में कीमतों पर दबाव दिख रहा है. हालांकि आगे डिमांड सीजन की वजह से मांग बढ़ सकती है.
मेंथा ऑयल में क्या हो रणनीति?
केडिया एडवाइजरी के अनुसार, बाजार पर बिकवाली का नया दबाव है. मेंथा ऑयल को 1187.2 के स्तर पर सपोर्ट मिल रहा है. अगर यह ब्रेक होता है तो यह निचले स्तर पर यह 1179.7 रुपये का लेवल दिखा सकता है. ऊपर की ओर 1207.1 रुपये का रेजिस्टेंस है. यदि यह स्तर हूटता है तो यह 1219.5 रुपये के लेवल तक जा सकता है.
उत्पादन 30-40% बढ़ने का अनुमान
मेंथा ऑयल का साल 2019-20 के दौरान उत्पादन 30-40 फीसदी बढ़ सकता है. उत्तर प्रदेश के बड़े सेंटर्स से आवक कम रहने के बीच हाजिर बाजार में डिमांड भी कम है. पिछले साल अच्छी कीमतों के चलते इस साल किसानों ने अधिक बुवाई की. ऐसे में औसत रकबा बढ़ने से भी कीमतों पर दबाव बना हुआ है. 2019 में मेंथा ऑयल का उत्पादन 48,000-50,000 टन रह सकता है. पिछले साल यह 3,000-35,000 टन था.
बढ़ सकती है एक्सपोर्ट डिमांड
भारतीय रुपये में रिकवरी के चलते ग्लोबल मार्केट में मेंथा ऑयल की एक्सपोर्ट डिमांड बढ़ सकती है. रुपये में मजबूती से कीमतों को सपोर्ट मिलेगा. अमेरिका और चीन के बीच चह रहे ट्रेड वार का असर भी मेंथा ऑयल की कीमतों पर दिखाई देगा. चीन और अमेरिका भारतीय मेंथा ऑयल के बड़े आयातक हैं. दोनों देशों के बीच ट्रेड वार से इस बार निर्यात कम रहेगा. इसके चलते भी कीमतों पर दबाव बना रह सकता है. बता दें, भारत अपने कुल मेंथा उत्पादन का करीब 60 से 62 फीसदी निर्यात करता है.
Mentha Oil: सर्दियों में बढ़ेगी डिमांड
मेंथा एक खुशबूदार जड़ी बूटी और भारत में इसे जापानी पुदीना के नाम से जाना जाता है. मेंथा तेल और उसके डेरिवेटिव्स को बड़े पैमाने पर भोजन, दवा, इत्र और फ्लेवरिंग इंडस्ट्री में उपयोग किया जाता है. भारत मेंथा तेल और उसके डेरिवेटिव्स का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. इसकी कीमतों पर उत्पादन और घरेलू मांग के अलावा चीन, अमेरिका और सिंगापुर जैसे प्रमुख आयातक देशों से आयात की मांग और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पर भी निर्भर करती है. सर्दियों में आमतौर पर दवा कंपनियों की मेंथा ऑयल के लिए घरेलू मांग बढ़ जाती है.