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उत्पादक क्षेत्रों तक मॉनसून में देरी से मेंथा की आवक में बढ़ोतरी बनी हुई है.
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Mentha Oil Price Today: मेंथा ऑयल में शुक्रवार को गिरावट का रुख बना हुआ है. एमसीएक्स पर मेंथा ऑयल गुरुवार के मुकाबले करीब 12 रुपये नीचे 1230 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रहा है. गुरुवार को भाव 1240 रुपये प्रति किलो रहा था. मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि उत्पादक क्षेत्रों तक मॉनसून में देरी से मेंथा की आवक में बढ़ोतरी बनी हुई है. निवेशक ऐसे में किसी भी गिरावट पर मेंथा में शॉर्ट टर्म मुनाफे की रणनीति बना सकते हैं. हाजिर बाजार में भाव 1360.20 रुपये प्रति किलो पर दर्ज किया गया.
केडिया कमोडिटी के अनुसार, शुक्रवार के कारोबार में मेंथा ऑयल का भाव 1241.1-1277.7 के बीच रह सकता है. निवेशक ऊपरी स्तर पर बिकवाली कर सकते हैं. हाजिर बाजार में भी डिमांड कम है जबकि आवक में तेजी बनी हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार, मेंथा के बड़े उत्पादक राज्य यूपी के प्रमुख क्षेत्रों में करीब 50 फीसदी फसल की कटाई हो चुकी है. शेष फसल की इस महीने के आखिर तक कटाई पूरी होने की उम्मीद है.
40 फीसदी तक बढ़ा उत्पादन
केडिया कमोडिटी के अनुसार, मौजूदा सीजन में मेंथा उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 30 से 40 फीसदी बढ़ा है. चीन और अमेरिका मेंथा ऑयल के बड़े आयातक हैं लेकिन इस साल दोनों देशों से कारोबार कम रहा है. पिछले साल अच्छे भाव के चलते इस साल मेंथा की बुवाई भी अधिक हुई, जिससे उत्पादन ज्यादा रहा है. इसके चलते कीमतों पर दबाव बना हुआ है.
शॉर्ट टर्म की बात करें तो 1 या 2 ट्रेडिंग सेशन में लो अराइवल का फायदा निवेयाक उठा सकते हें. लेकिन लंबी अवधि के लिहाज से मेंथा में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है.
चीन, US मेंथा ऑयल के बड़े आयातक
अमेरिका और चीन के बीच चह रहे ट्रेड वार का असर भी मेंथा ऑयल की कीमतों पर दिखाई देगा. चीन और अमेरिका भारतीय मेंथा ऑयल के बड़े आयातक हैं. दोनों देशों के बीच ट्रेड वार से इस बार निर्यात कम रहेगा. इसके चलते भी कीमतों पर दबाव बना रह सकता है. बता दें, भारत अपने कुल मेंथा उत्पादन का करीब 60 से 62 फीसदी निर्यात करता है.
Mentha Oil: फार्मा इंडस्ट्री में ज्यादा इस्तेमाल
मेंथा एक खुशबूदार जड़ी बूटी और भारत में इसे जापानी पुदीना के नाम से जाना जाता है. मेंथा तेल और उसके डेरिवेटिव्स को बड़े पैमाने पर भोजन, दवा, इत्र और फ्लेवरिंग इंडस्ट्री में उपयोग किया जाता है. भारत मेंथा तेल और उसके डेरिवेटिव्स का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है.
इसकी कीमतों पर उत्पादन और घरेलू मांग के अलावा चीन, अमेरिका और सिंगापुर जैसे प्रमुख आयातक देशों से आयात की मांग और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पर भी निर्भर करती है. सर्दियों में आमतौर पर दवा कंपनियों की मेंथा ऑयल के लिए घरेलू मांग बढ़ जाती है.