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Mentha Oil Rate Today: मेंथा ऑयल में बड़ी गिरावट, लेकिन क्या अब भी बने रहने में है फायदा, जानें एक्सपर्ट्स की राय

पिछले एक-डेढ़ महीने से मेंथा ऑयल की कीमतों में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. विश्लेषकों का मानना है कि सप्लाई में कमी की वजह से मेंथा की कीमतें और बढ़ सकती हैं.

पिछले एक-डेढ़ महीने से मेंथा ऑयल की कीमतों में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. विश्लेषकों का मानना है कि सप्लाई में कमी की वजह से मेंथा की कीमतें और बढ़ सकती हैं.

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Mentha Oil Rate Today: मेंथा ऑयल में बड़ी गिरावट, लेकिन क्या अब भी बने रहने में है फायदा, जानें एक्सपर्ट्स की राय

Mentha Oil Rate Today:  लगातार बढ़ रहे मेंथा ऑयल में मंगलवार ( 13th July 2021) को बड़ी गिरावट दर्ज की गई. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में यह 20.40 रुपये गिर कर 977.40 रुपये तक पर आ गया. लेकिन क्या यह गिरावट आगे भी जारी रहेगी. क्या मेंथा ऑयल में गिरावट अस्थायी है और आगे इसमें उछाल देखने को मिलेगा. पिछले साल 11 जून को मेंथा ऑयल की कीमतों ने टॉप लेवल छुआ था . पिछले एक-डेढ़ महीने से मेंथा ऑयल की कीमतों में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. विश्लेषकों का मानना है कि सप्लाई में कमी की वजह से मेंथा की कीमतें और बढ़ सकती हैं.

दो महीनों में 1100 रुपये का लेवल छू सकता है मेंथा ऑयल

विशेषज्ञों की नजर में मेंथा ऑयल की मौजूदा कीमतों में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है. आईआईएफल (IIFL) के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि अगले दो महीनों में यह 1100 रुपये के लेवल को छू सकता है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस हिंदी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लंबी अवधि में यह 1300-1400 रुपये का स्तर छू सकता है. उनका मानना है मेंथा ऑयल के एक्सपोर्ट डिमांड में अभी काफी रफ्तार देखने को मिल सकती है. इसलिए छोटे निवेशक इसमें बने रह सकते हैं. मेंथा ऑयल का इस्तेमाल फार्मा और एफएमसीजी इंडस्ट्री में होती है. दवाइयों के अलावा यह साबुन, सैनिटाइजर और कफ सीरप बनाने में इस्तेमाल होता है. पान मसाला उद्योग में भी यह काफी इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए अंतरराष्ट्रीय मार्केट के साथ ही घरेलू बाजार में भी मेंथा ऑयल की डिमांड में लॉकडाउन के बाद और रफ्तार दिखेगी.

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छोटे निवेशकों को सतर्क रहना होगा

हालांकि अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि यह तेजी मुनाफावसूली की शुरुआत हो सकती है. हाल के दिनों में खाद्य तेल समेत मेंथा ऑयल ट्रेड में कार्टेलाइजेशन का दौर बढ़ा है. कुछ बड़े निवेशक कार्टेल बना कर मुनाफावसूली कर निकल जाते हैं और छोटे निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ता है. इसलिए उन्हें इसमें सतर्कता बरतना होगा.

मेंथा की कीमतें पिछले महीने से ही बढ़ रही हैं लेकिन 2 जून से इसकी कीमतों ने ज्यादा तेजी दिखाई है. 2 जून को इसकी कीमत 912 रुपये प्रति किलो थी. इसके बाद इसमें बीच-बीच में हल्की गिरावट रही लेकिन यह बढ़ता रहा. मंगलवार को इसकी कीमत 2 फीसदी से अधिक गिर कर 977.40 रुपये पर आ गई. लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि इस बार सप्लाई कम है और देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन खुलने से इसकी डिमांड अभी और बढ़ेगी. लिहाजा कीमतों में और इजाफा हो सकता है.

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