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मेंथा ऑयल में गिरावट से इसके निवेशकों की बेचैनी बढ़ गई है.
Mentha Oil Rate Today : मेंथा ऑयल में शुक्रवार को भी गिरावट रही. गुरुवार को यह 941 रुपये पर बंद हुआ था. शुक्रवार को मेंथा 944 रुपये पर खुला लेकिन बाजार बंद होने तक यह पिछले बंद भाव से और तीन रुपये गिर गया. पिछले कुछ वक्त से एक-दो कारोबारी दिन को छोड़ कर मेंथा ऑयल में लगातार गिरावट देखी जा रही है. इससे जो निवेशक अभी तक इसमें होल्ड किए हुए थे वे अब इसमें से निकलने लगे हैं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि मेंथा में यह गिरावट अस्थायी है और आगे इसमें तेज बढ़त दिख सकती है. लॉकडाउन के हल्के होने से औद्योगिक गतिविधियों में आई तेजी से इसकी मांग बढ़ेगी. साथ ही विदेशी मांग में भी तेजी दर्ज हो सकती है.
मेंथा ऑयल का इस्तेमाल फार्मा और एफएमसीजी इंडस्ट्री में होता है. दवाइयों के अलावा यह साबुन, सैनिटाइजर और कफ सीरप बनाने में इस्तेमाल होता है. पान मसाला उद्योग में भी यह काफी इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए अंतरराष्ट्रीय मार्केट के साथ ही घरेलू बाजार में भी मेंथा ऑयल की डिमांड में लॉकडाउन के बाद और रफ्तार दिखेगी.
गिरावट के बावजूद वापसी की उम्मीद
मेंथा की कीमतें पिछले महीने से ही बढ़ रही हैं लेकिन 2 जून से इसकी कीमतों ने ज्यादा तेजी दिखाई है. 2 जून को इसकी कीमत 912 रुपये प्रति किलो थी. इसके बाद इसमें बीच-बीच में हल्की गिरावट रही लेकिन यह बढ़ता रहा. विश्लेषकों का मानना है कि इस बार सप्लाई कम है और देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन खुलने से इसकी डिमांड अभी और बढ़ेगी. लिहाजा कीमतों में और इजाफा हो सकता है.
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मेंथा ऑयल में 1100 रुपये का स्तर कितना दूर ?
विशेषज्ञों की नजर में मेंथा ऑयल की मौजूदा कीमतों में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है. आईआईएफल (IIFL) के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि अगले दो महीनों में यह 1100 रुपये के लेवल को छू सकता है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस हिंदी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लंबी अवधि में यह 1300-1400 रुपये का स्तर छू सकता है. उनका मानना है मेंथा ऑयल के एक्सपोर्ट डिमांड में अभी काफी रफ्तार देखने को मिल सकती है. इसलिए छोटे निवेशक इसमें बने रह सकते हैं