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मेंथा की सप्लाई कम हो गई है लिहाजा मेंथा ऑयल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.
मेंथा ऑयल (Mentha oil) की कीमतों में पिछले कुछ वक्त से लगातार तेजी देखने को मिल रही है. शुक्रवार को इसके दाम स्थिर रहे लेकिन गुरुवार के इसके दाम 3.98 फीसदी बढ़ गए थे. शुक्रवार को MCX मे जून में इसका बंद भाव 1017.30 रुपये रहा. वहीं स्पॉट कीमतें बढ़ कर 1154 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गईं. पिछले एक महीने के दौरान इसमें 12 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई.
शुक्रवार को इसकी वायदा कीमतें स्थिर रहीं लेकिन गुरुवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में मेंथा के जून एक्सपायरी की कीमतों में 3.98 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. पिछले साल 11 जून को मेंथा ऑयल की कीमतों ने टॉप लेवल छुआ था . आखिर मेंथा ऑयल में इस तेजी के पीछे वजह क्या है? क्या इसमें यह तेजी आगे भी बरकरार रहेगी? रिटर्न के लिहाज से इस वक्त मेंथा ऑयल में निवेश कितना फायदेमंद रहेगा?
मेंथा की फसल बरबाद होने से चढ़े दाम
दरअसल मेंथा ऑयल ( Peppermint) में यह तेजी इसकी सप्लाई में गिरावट की वजह से आ रही है. देश में सबसे ज्यादा मेंथा की खेती और उत्पादन यूपी के बाराबंकी में होता है. देश के कुल मेंथा ऑयल ( (Mentha oil)का 70 फीसदी का उत्पादन यहीं होता है. लेकिन असमय बारिश ने इस साल यहां इसकी फसल बरबाद कर दी. किसानों के मुताबिक पहले ‘तौकते’ फिर ‘यास’ तूफान से हुई बारिश ने मेंथा की फसल बर्बाद कर दी. प्री-मानसून ने भी फसल का काफी नुकसान किया. किसानों के मुताबिक लगभग 50 फीसदी फसल बर्बाद हो गई.
लॉकडाउन खत्म होते ही बढ़ेंगीं मेंथा की कीमतें
मेंथा की कीमतें पिछले महीने से ही बढ़ रही हैं लेकिन 2 जून से इसकी कीमतों ने ज्यादा तेजी दिखाई है. 2 जून को इसकी कीमत 912 रुपये प्रति किलो थी लेकिन पिछले शुक्रवार को यह बढ़ कर 1,157 रुपये प्रति किलो हो गई. विश्लेषकों का मानना है कि इस बार सप्लाई कम है और देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन खुलने से इसकी डिमांड अभी और बढ़ेगी. लिहाजा कीमतों में और इजाफा हो सकता है. एमसीएक्स ( MCX) में जून के वायदा सौदे में हल्की गिरावट है और मेंथा ऑयल 1010 रुपये प्रति किलो बिक रहा है लेकिन सप्लाई में कमी को देखते हुए इसमें तेज इजाफा दिख सकता है.
Mentha Oil: मेंथा ऑयल की कीमतों में क्यों है इतनी हलचल? निवेशकों को कितना हो सकता है फायदा?
1250 से 1350 रुपये के प्राइस लेवल को छू सकता है मेंथा
पिछले तीन दिनों में मेंथा ऑयल में 7.53 फीसदी की रैली दिखी है. कमोडिटी मार्केट विश्लेषकों का कहना है कि सप्लाई की और भारतीय फ्रेगरेंस मार्केट के रिवाइवल की वजह से इसकी अच्छी मांग रहने वाली है. मेंथा ऑयल का इस्तेमाल फार्मा और एफएमसीजी इंडस्ट्री में होती है. दवाइयों के अलावा यह साबुन, सैनिटाइजर और कफ सीरप बनाने में इस्तेमाल होता है. पान मसाला उद्योग में भी यह काफी इस्तेमाल किया जाता है. कॉस्मेटिक और कॉन्फेक्शनरी प्रोडक्ट में भी मेंथा डाला जाता है. निवेशकों के लिए मेंथा ऑयल के फ्यूचर सौदों में निवेश का अच्छा मौका हो सकता है. विश्लेषकों के मुताबिक फ्यूचर सौदे के भाव 1250 से 1350 रुपये तक भी जा सकते हैं. हालांकि उन्होंने 900 रुपये का स्टॉप लॉस की सिफारिश की है.