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कोरोना की ओरल दवा का सफल ट्रायल का दावा.
मर्क एंड कंपनी ( Merck & Co Inc.) की ओरल दवा molnupiravir गंभीर मरीजों की मौत या उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत 50 फीसदी कम कर सकती है. शुक्रवार को कंपनी की ओर से दावा किया गया कि इस ओरल दवा के नतीजे अंतरिम क्लीनिकल ट्रायल में काफी अच्छे निकले हैं. मर्क और इसकी पार्टनर कंपनी रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स (Ridgeback Biotherapeutics) अमेरिका में इसके इमरजेंसी यूज के अधिकार जल्द से जल्द हासिल करने की कोशिश करेगी. दवा के सकारात्मक नतीजों की वजह से बाहरी निगरानी कर्ताओं की सिफारिश पर इसके फेज 3 का ट्रायल रोका जा रहा है. मर्क ने कहा है कि वह इस साल के अंत तक इस दवा की एक करोड़ कोर्स तैयार करेगी. आगे जाकर इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी.
कोरोना के इलाज के विमर्श को बदल देगी यह दवा : Merck
ट्रायल के सकारात्मक नतीजों का ऐलान करते हुए मर्क के सीईओ ने रॉयटर्स से कहा कि यह दवा कोविड-19 के इलाज के लिए अब तक चले आ रहे विमर्श को बदल देगी. अगर इसे इजाजत मिल गई तो कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड में गलतियां घुसाने के लिए तैयार किए गई Molnupiravir कोविड-19 की पहली ओरल एंटीवायरल दवा बन जाएगी.
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फाइजर और Roche भी बना रही है एंटीबॉडी कॉकटेल
मर्क ने अपने Interim Analysis में पाया कि जिन लोगों को मोलनुपिराविर दी गई, उनमें से 7.3 फीसदी 29 दिनों के इलाज के बाद या तो मर गए या फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. इसकी तुलना में जिन मरीजों को Placebo दी गई उनमें से 14.1 मरीजों की मौत हो गई या उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. मर्क की कंपीटिटर कंपनी फाइजर और स्विस फार्मा कंपनी Roche भी कोविड के लिए ऐसी ही दवा करने तैयार करने की रेस में है. यह एंटीबॉडी कॉकटेल होगी जो उन मरीजों के शरीर में नसों के जरिये पहुंचाई जाएगी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है.
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