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इस साल 21% तक डिस्काउंट पर आ चुके हैं मेटल शेयर, क्या निवेशकों को लगाना चाहिए दांव?

मेटल सेक्टर पिछले एक साल से लगातार अंडरपरफॉर्मर रहा है. वहीं, इस साल भी मेटल शेयरों में कमजोरी बनी हुई है.

मेटल सेक्टर पिछले एक साल से लगातार अंडरपरफॉर्मर रहा है. वहीं, इस साल भी मेटल शेयरों में कमजोरी बनी हुई है.

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Sushil Tripathi
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मेटल सेक्टर पिछले एक साल से लगातार अंडरपरफॉर्मर रहा है. वहीं, इस साल भी मेटल शेयरों में कमजोरी बनी हुई है.

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Should You Invest In Metal Stocks: मेटल सेक्टर पिछले एक साल से लगातार अंडरपरफॉर्मर रहा है. वहीं, इस साल भी मेटल शेयरों में कमजोरी बनी हुई है. इस साल अबतक की बात करें तो बीएसई मेटल इंडेक्स में 12.78 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. वहीं, पिछले एक साल में यह 15 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. इस साल 1 जनवरी के बाद से अबतक मेटल शेयरों में 21 फीसदी तक गिरावट आ चुकी है. एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले एक साल की बात करें तो ग्लोबल मंदी की वजह से मेटल की डिमांड सुस्त रहीं है. वहीं, मौजूदा साल में कोरोना वायरस के चलते मेटल के सबसे बड़े कंज्यूमर देश चीन में डिमांड कमजोर रही है. इसकी वजह से मेटल शेयरों में गिरावट देखने को मिली. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि आकर्षक वैल्युएशन पर मिल रहे चुनिंदा शेयर आगे मजबूत प्रदर्शन दिखा सकते हैं.

मिला जुला आउटलुक

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ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल के अनुसार मेटल सेक्टर में खराब सेंटीमेंट के बाद भी दिसंबर तिमाही में सेक्टर की अर्निंग उम्मीद के मुताबिक रही है. माइनिंग कंपनियों के नतीजे भी अनुमान के मुताबिक रहे हैं. चीन में कोरोना वायरस इंपेक्ट के चलते नॉन फेरस कंपनियों में चौथी तिमाही में भी दबाव रहने की उम्मीद है. माइनिंग कंपनियों की बात करें तो इनका आउटलुक मिला जुला दिख रहा है. इंटरनेशनल स्तर पर लो डिमांड के चलते मैंगनीज और क्रोम की कीमतें घट सकती हैं, वहीं घरेलू स्तर पर स्टील और पावर सेग्मेंट की ओर से आयरन और कोल की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार अगर चीन सरकार तुरंत किसी राहत पैकेज का एलान नहीं करती है तो वहां की अर्थव्यवस्था पर दबाव लंबा खिंच सकता है, जिससे इंडस्ट्रियल एक्टिविटी कमजोर होने से मेंटल की डिमांड भी सुस्त रहेगी.

2 तिमाही रहेगा दबाव

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि मेटल सेक्टर के लिए पिछला एक साल दबाव वाला रहा है. लंबे समय से ग्लोबल अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. ग्लोबल लेवल पर सुस्त डिमांड के चलते मेटल की मांग कमजोर रही है. वहीं, इस साल चीन में कोरोना वायरस के चलते मेटल इंडस्ट्री की कमर टूट गई. चीन मेटल का सबसे बड़ा कंज्यूमर देश है. हालांकि उनका कहना है कि मेल्टर ने अब आउटपुट में कटौती शुरू कर दी है. प्रोडक्शन घटने से डिमांड और सप्लाई का गैप कम होगा. फिलहाल सेक्टर में कम से कम 2 तिमाही अभी दबाव दिख रहा है. लेकिन आने वाले दिनों में ग्लोबल सुस्ती खत्म होने पर मेटल की डिमांड अचानक बढ़ेगी. ऐसे में मेटल शेयरों में लो वैल्युएशन का फायदा मिलेगा.

किन शेयरों में निवेश करें, किससे दूर रहें

कोल इंडिया

सलाह: निवेश

लक्ष्य: 179 रुपये

करंट प्राइस: 175

NMDC

सलाह: निवेश

लक्ष्य: 140 रुपये

करंट प्राइस: 101 रुपये

टाटा स्टील

सलाह: निवेश

लक्ष्य: 443

करंट प्राइस: 422

सलाह: ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल

हिंडाल्को

सलाह: निवेश

लक्ष्य: 225 रुपये

करंट प्राइस: 174 रुपये

वेदांता

सलाह: निवेश

लक्ष्य: 160 रुपये

करंट प्राइस: 132 रुपये

टाटा स्टील

सलाह: निवेश

लक्ष्य: 485 रुपये

करंट प्राइस: 422 रुपये

सलाह: अजय केडिया, केडिया एडवाइजरी

वहीं, एमके ग्लोबल ने नाल्को और वेदांता में बिकवाली, जबकि हिंदुसतान जिंक और एमओआईएल में होल्ड करने की सलाह दी है.

(नोट: हमने यहां ब्रोकरेज हाउस और एक्सपर्ट के हवाले से जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. शेयर बाजार के जोखिम को देखते हुए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

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