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This fund gives investors exposure to funds that are actively managed and lets them rely on the fund manager's capability to take advantage of the correction and build a robust portfolio.
सूक्ष्म और छोटे उद्योगों के लिए लगाए गए कुल बैंक क्रेडिट की ग्रोथ में गिरावट वित्त वर्ष 2021-22 के दूसरे महीने में जारी रही. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डेटा में सामने आया है कि मई 2021 तक बकाया 10.27 लाख करोड़ रुपये पर रहा, जिसमें मई 2020 के 10.65 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 3.6 फीसदी की नकारात्मक ग्रोथ सालाना आधार पर हुई है. सालाना आधार पर नकारात्मक ग्रोथ अप्रैल 2021 में नेगेटिव 2.2 फीसदी से और बढ़ गई है. यह मार्च 2021 में 2.5 फीसदी और मार्च 2020 में 1.5 फीसदी तक पहुंच गई थी. क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट महामारी की दूसरी लहर की वजह से आई है, जिसने फरवरी में दस्तक दी थी. पिछले साल भी सालाना आधार पर क्रेडिट ग्रोथ में दो महीने के लिए गिरावट आई थी, और जून में इसमें रिकवरी शुरू हो गई थी.
तीसरी लहर आने पर होगा ज्यादा नुकसान
PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में MSME कमेटी के चेयरपर्सन मोहत जैन ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन को बताया कि पिछले साल और इस साल के बीच संबंध से दिखता है कि सेक्टर को बड़ा झटका लगा है और इकाइयां महामारी की वजह से क्रेडिट नहीं ले पाई थीं क्योंकि कंपनी को लोन के लिए अप्लाई करने के लिए फिक्स्ड एसेट्स की जरूरत के अलावा बिजनेस ऑपरेशंस की जरूरत होती है. क्योंकि दूसरी लहर की वजह से कारोबारों में दोबारा रूकावट आई थी, इसलिए क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट हुई. अगर तीसरी लहर आती है, तो यह ज्यादा बुरा होगा, क्योंकि MSME के पिछले साल की लहर के दौरान अपने सभी संसाधन खत्म हो गए थे. दूसरी तरफ, ECLGS मौजूदा कर्जदाताओं के लिए है, उनके लिए नहीं, जिन्होंने पहले कभी कोई लोन नहीं लिया है, वे कैश फ्लो की मुश्किल का सामना कर रहे हैं.
हालांकि, मध्यम उद्योगों के लिए लगाए गए क्रेडिट में ग्रोथ 64.7 फीसदी पर मजबूत रही थी. यह मई 2020 में 1.11 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मई 2021 में 1.83 लाख करोड़ रुपये हो गई थी. यह अप्रैल 2021 के 70.8 फीसदी के मुकाबले घटी थी. बैंकों ने अप्रैल 2021 में 1.89 लाख करोड़ रुपये का क्रेडिट लगाया था , जो अप्रैल 2020 में 1.10 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले ज्यादा था.
इसके साथ भारत के कुल बैंक क्रेडिट में MSE की हिस्सेदारी भी पांचवें लगातार महीने गिरावट में रही. दिसंबर 2020 में 12.11 फीसदी से, MSE की हिस्सेदारी जनवरी 2021 में गिरकर 12.09 फीसदी, फरवरी में 11.8 फीसदी, मार्च में 11.3 फीसदी, अप्रैल में 9.7 फीसदी और अब मई में 9.48 फीसदी पर पहुंच गई है. मई 2021 में कुल बैंक क्रेडिट 108.33 करोड़ रुपये पर रहा, जो मई 2020 में 102.22 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 6 फीसदी का उछाल है. आरबीआई के जुलाई बुलेटिन से यह जानकारी मिली है.
(स्टोरी: संदीप सोनी)