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Midcap and Smallcap Stocks: रिकॉर्ड हाई पर मिडकैप, स्मालकैप, एक्सपर्ट ने कहा- क्वालिटी शेयरों पर ही रखें निगाह

Midcap and Smallcap Stocks: शेयर बाजार की रैली में सिर्फ लॉर्जकैप ही नहीं, मिड और स्मालकैप भी शामिल हैं.

Midcap and Smallcap Stocks: शेयर बाजार की रैली में सिर्फ लॉर्जकैप ही नहीं, मिड और स्मालकैप भी शामिल हैं.

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Sushil Tripathi
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Midcap/Smallcap: शेयर बाजार की रैली में सिर्फ लॉर्जकैप ही नहीं, मिड और स्मालकैप भी शामिल हैं.

Midcap and Smallcap Stocks To Buy: शेयर बाजार की रैली में सिर्फ लॉर्जकैप ही नहीं, मिड और स्मालकैप भी शामिल हैं. बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मालकैप दोनों ही इंडेक्स 18 नवंबर को अपना आल टाइम हाई बनाया है. मिडकैप और स्मालकैप में ये रैली हालिया नहीं है, बल्कि पिछले कुछ महीनों से जारी है. जैसे जैसे अर्थव्यवस्था खुल रही, इन सेग्मेंट के प्रति निवेशकों का सेंटीमेंट भी मजबूत हो रहा है. मार्च के लो से ये इंडेक्स 71 फीसदी और 81 फीसदी तक चढ़ चुके हैं. एक्सपर्ट भी मान रहे हें कि आने वाला समय मिडकैप और स्मालकैप का है. जैसे जैसे अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी, छोटी और मझोली घरेलू कंपनियों के शेयरों में ग्रोथ देखने को मिलेगी.

मार्च के लो से शानदार रिकवरी

मार्च के लो से शेयर बाजार में शानदार रिकवरी आई है. 24 मार्च के लो से लॉर्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप इंडेक्स अच्छा खासा रिकवर हो चुके हैं. इस दौरान बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 71 फीसदी तेजी आई है और यह 9555.24 के स्तर से बढ़कर 16,343.85 के स्तर पर पहुंच गया है. वहीं बीसई मिइंडेक्स में 86 फीसदी तेजी आई है और यह 8622.24 के स्तर से बढ़कर 16,053.58 पर पहुंच गया है. जबकि सेंसेक्स में 72 फीसदी तेजी आई है और यह 25638.9

से बढ़कर 44,180.05 पर पहुंच गया है.

आएगी तेजी, लेकिन निवेशक ध्यान दें

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फॉर्चून फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर का कहना है कि मिडकैप और स्मालकैप में तेजी अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत हैं. ये सेग्मेंट लंबे समय से अंडरपरफॉर्म रहे थे. लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था लगभग खुल चुकी है. काम धंधे पटरी पर आने लगे हैं. ऐसे में मिडकैप और स्मालकैप सेग्मेंट की अच्छी कंपनियों का प्रदर्शन सुधर रहा है. छोटी कंपनियों के शेयरों में घरेलू इकोनॉमी के प्रदर्शन का सीधा असर होता है. घरेलू इकोनॉमी में रिकवरी आती है तो ऐसी घरेलू कंपनियां भी तेजी से ग्रोथ करती हैं. उनका कहना है मैक्रो एन्वायरनमेंट सुधर रहा है. ऐसे में आगे मिडकैप का प्रदर्शन अच्छा रहेगा. हालांकि यह सलाह है कि उन्हीं कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाएं, जिनमें अर्निंग आ रही है और उनका कारोबार मजबूत है. निवेशकों को सेग्मेंट या सेक्टर की लीडिंग कंपनियों के शेयरों पर ही फोकस करना चाहिए.

2021 मिडकैप और स्मालकैप का

मॉर्गन स्टैनले आगे मिडकैप और स्मालकैप के आउटपरफाफर्म करने की बात कही है. ब्रोकरेज फर्म के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट रिदम देसाई और शीला राठी के अनुसार ब्रॉडर मार्केट, जिसमें मिडकैप और स्मालकैप भी शामिल हैं, का प्रदर्शन आने वाले साल में लॉर्जकैप से बेहतर रह सकता है. ग्रोथ साइकिल के रिटर्न के साथ ही कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोत्तरी होगी और बाजार का मार्केट कैप बढ़ेगा. उन्होंने लिखा है कि कोविड-19 संक्रमण का पीक बीत चुका है. अब हाई फ्रीक्वेंसी ग्रोथ इंडीकेटर्स मजबूत नजर आ रहे हैं. सरकार की पॉलिसी बेहतर रही है, भारतीय कंपनियों में बिजनेस एक्टिविटी बढ़ रही है. इस तरह से आगे मिडकैप और स्मालकैप में बेहतर ग्रोथ की संभावना मजबूत हुई है.

अर्थव्यवस्था को लेकर एजेंसियां पॉजिटिव

दरअसल जीडीपी में भाकोरोना महामारी के चलते जिस तरह से सरकार ने रिफरॉर्म किए हें और राहत पैकेज का एलान किया है, उन सरकारी प्रयासों का असर अब दिखने लगा है. इसी के साथ अब जीडीपी को लेकर रेटिंग एजेंसियों के भी सुर बदलने लगे हैं. ग्लोबल रिसर्च फर्म और रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ करेगी. गोल्डमैन सैक्स ने FY2021 के लिए भारत के जीडीपी अनुमान में सुधार करते हुए अब माइनस 10.3 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया है.

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP की ग्रोथ के अनुमान में सुधार किया था. पहले मूडीज ने सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6% की गिरावट देखने को मिलेगी, लेकिन पिछले हफ्ते मूडीज ने इसे सुधारते हुए 8.9% कर दिया. रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टैनले ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था को अच्छा सहारा मिला है और इसकी वजह से अगले साल यानी 2021 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 9.8 फीसदी तक पहुंच सकती है.

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