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4-5 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकते हैं दूध के दाम, अमूल ने दिया संकेत

दूध के दामों में 4-5 रुपये प्रति लीटर का इजाफा होने की उम्मीद है.

दूध के दामों में 4-5 रुपये प्रति लीटर का इजाफा होने की उम्मीद है.

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milk prices may increase soon 4 to 5 rupees per litre hike expected says amul chief rs sodhi

दूध के दामों में 4-5 रुपये प्रति लीटर का इजाफा होने की उम्मीद है.

 milk prices may increase soon 4 to 5 rupees per litre hike expected says amul chief rs sodhi दूध के दामों में 4-5 रुपये प्रति लीटर का इजाफा होने की उम्मीद है.

ज्यादातर दूध डायरी ने हाल ही में अपने दूध के दामों में भी बढ़ोतरी की है. अब दूध की कीमतों में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. अमूल (Amul) के मैनेजिंग डायरेक्टर आरएस सोढ़ी ने CNBC TV-18 को बताया कि दूध के दामों में 4-5 रुपये प्रति लीटर और दूध के प्रोडक्ट्स में 8-10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा होने की उम्मीद है. उन्होंने यह अभी कहा कि जिन कंपनियों के पास ज्यादा सप्लाई की क्षमता है, उन्हें इस साल ज्यादा मुनाफा होगा. अमूल के चीफ ने कहा कि डेयरी कंपनियों ने पिछले तीन सालों में दो बार दूध के दामों में बढ़ोतरी की है. इसकी वजह से डेयरी किसानों की आमदनी में 2018 के मुकाबले 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

बजट में डेयरी उद्योग के लिए कई एलान: आरएस सोढ़ी

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में किए गए एलानों पर आरएस सोढ़ी मे कहा कि बजट में डेयरी इंडस्ट्री के लिए प्रोत्साहन देने वाले कई प्रस्ताव हैं. वित्त मंत्री ने एलान किया था कि सरकार का लक्ष्य है कि देश में दूध की प्रोसेसिंग के आंकड़े को 2025 तक 53.5 मिलियन मेट्रिक टन से दोगुना करके 108 मिलियन मेट्रिक टन किया जाएगा. सोढ़ी के मुताबिक इसके लिए 40,000 से 50,000 करोड़ के निवेश की जरूरत होगी.

सरकार ने दूध समेत कई दूसरे प्रोडक्ट्स को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने को आसान बनाने के लिए भी कई खास प्रोजेक्ट्स का एलान किया है. इसके साथ उन्होंने कहा कि रेलवे और नारिक एवं उड्डयन मंत्रालय कृषि उड़ान और किसान रेल पर काम करेगा. इनका लक्ष्य कृषि उत्पाद के भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन को बेहतर बनाना है. बजट 2020 में किए गए एलानों पर आरएस सोढ़ी ने कहा कि सरकार मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रही है.

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डेयरी उद्योग ने किया था RCEP डील का विरोध

डेयरी उद्योग संरक्षणवाद को लेकर काफी मुखर रहा है और RCEP डील का सबसे बड़ी विरोधी रहा है. डेयरी सेक्टर के आयातों को लेकर चिंताओं पर आरएस सोढ़ी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन को बताया था कि इससे विदेशी कंपनियों का एकाधिकार हो जाएगा. इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़ी कॉरपोरेशन को मदद मिलेगी और भारत आयात पर निर्भर रहेगा.

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