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Image: Reuters
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सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मंझोले उद्यम (MSME) क्षेत्र के लिए वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने की तीन बड़ी योजनाओं में गैर-अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को भी शामिल करने का निर्णय किया है. MSME क्षेत्र को वित्तपोषण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट, क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना और ब्याज सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं.
सरकार ने इन योजनाओं से अब गैर-अनुसूचित शहरी और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को भी जोड़ने का फैसला किया है. ये सहकारी बैंक भी इन ऋण योजनाओं के तहत MSME क्षेत्र को कर्ज उपलब्ध करा सकेंगे. माना जा रहा है कि इस पहल से MSME को कर्ज उपलब्ध कराने की योजनाओं का विस्तार होगा और उनकी काफी अहम मानी जाने वाली जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
कर्ज सुविधा का बढ़ेगा दायरा
केन्द्रीय MSME मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) की MSME को मिलने वाले कर्ज में 13 फीसदी हिस्सेदारी है. ये खासतौर से दूरदराज इलाकों में एमएसएमई क्षेत्र को बिना किसी बाधा के कर्ज उपलब्ध करा रही हैं. योजना में NBFC, अनुसूचित और गैर-अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को शामिल कर दिए जाने के बाद कर्ज सुविधा का दायरा बढ़ेगा और ऋण उपलब्ध हो सकेगा.’’
उन्होंने कहा कि इस कदम से वित्तीय क्षेत्र के कर्जदाताओं के बीच एकरूपता आएगी और प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी. दूसरी तरफ कर्ज लेने वालों को उनकी सुविधा और पहुंच के अनुरूप कर्जदाता चुनने का भी विकल्प होगा.
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