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Monsoon Theme: कई राज्यों में सरप्लस बारिश, रूरल सेक्टर को मिला बूस्ट, क्या 'मॉनसून थीम' पर पैसे लगाने का सही है समय

Monsoon Theme Stocks: इस साल बेहतर मॉनसून से खरीफ का रकबा कुछ बढ़ा है. आगे रूरल इनकम में ग्रोथ देखने को मिल सकती है, जिससे डिमांड भी बढ़ेगी.

Monsoon Theme Stocks: इस साल बेहतर मॉनसून से खरीफ का रकबा कुछ बढ़ा है. आगे रूरल इनकम में ग्रोथ देखने को मिल सकती है, जिससे डिमांड भी बढ़ेगी.

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Sushil Tripathi
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Monsoon Season India

Monsoon in India: मॉनसून सीजन के दौरान प्रमुख फसल उत्‍पादक राज्‍यों में बारिश की स्थिति बेहतर रही है. (file photo)

Monsoon Impact on Your Investment: इस साल अबतक मॉनसून की चाल मिक्‍स रही है. हालांकि ओवरआल 15 जुलाई तक देश भर में होने वाली बारिश सामान्‍य से अधिक रही है. कुछ राज्‍यों में सरप्‍लस बारिश हुई है तो कुछ राज्‍यों में सामान्‍य से कुछ कम. हालांकि अच्‍छी बात यह है कि मॉनसून सीजन के दौरान प्रमुख फसल उत्‍पादक राज्‍यों में मॉनूसन की स्थिति बेहतर रही है. उत्तर भारत में तो बारिश रिकॉर्ड तोड़ रही है. आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार इस साल सामान्‍य से 94 फीसदी बारिश होने का अनुमान है, पॉजिटिव केस में यह सरप्‍लस भी जा सकता है. फिलहाल बेहतर मॉनसून से रूरल सेक्‍टर को बूस्‍ट मिलने की उम्‍मीद है. इसके संकेत दिख भी रहे हैं, क्‍योंकि देश में खरीफ फसल का रकबा पिछले साल से बढ़ गया है. एक्‍सपर्ट का कहना है कि इसके चलते रूरल सेक्‍टर से जुड़े और भारत थीम वाले सेक्‍टर में ग्रोथ देखने को मिलेगी.

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किस एरिया में कैसी रही बारिश

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भारत मौसम विभाग के मुताबिक 15 जुलाई तक देश में सामान्‍य बारिश 292.2 एमएम के मुकाबले करीब 294 एमएम बारिश हुई है. इस दौरान पंजाब में सामान्‍य से 72 फीसदी आक्‍र हरियाणा में 75 फीसदी अधिक बारिश हुई. पश्चिमी यूपी में सामान्‍य से 58 फीसदी, एमपी वेस्‍ट में 18 फीसदी और एमपी ईस्‍ट में 8 फीसदी ज्‍यादा बारिश हुई है. पूर्वी यूपी में सामान्‍य से कुछ कम बारिश हुई है तो गुजरात में सामान्‍य से 38 फीसदी ज्‍यादा बारिश हुई. हालांकि इस दौरान बिहार, छत्‍तीसगढ़, झारखंड और महाराष्‍ट्र में अभी बारिश सामान्‍य से कमजोर रही है. लेकिन इनमें ज्‍यादातर रीजन में स्थिति ज्‍यादा खराब नहीं है.

खरीफ का रकबा बढ़ा

नेशनल फूड सिक्‍योरिटी मिशन की रिपोर्ट के अनुसार अबतक की बात करें तो खरीफ का रकबा 1.2 फीसदी बढ़ा है. चावल की बुआई 2.7 फीसदी ज्‍यादा एरिया पर हुई है तो ऑयल सीड्स का एरिया 3.5 फीसदी, मोटे अनाज का एरिया 4.8 फीसदी बढ़ा है. हालांकि टोटल पल्‍सेस के एरिया में कमी आई है. बैंक आफ बड़ौदा की रिपोर्ट भी बताती है कि खरीफ का रकबा बढ़ा है.

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बेहतर मॉनसून: कई सेक्टर को फायदा

IIFL के वीपी-रिसर्च, अनुज गुप्‍ता का कहना है कि अगर मॉनूसन सामान्‍य रहता है तो खेती किसानी की गतिविधियां बढ़ जाती हैं, जैसा इस साल देखने को मिल रहा है. बीज, फर्टिलाइजर, कृषि के उपकरण, पंप आदि की मांग तेज होती है. वहीं रूरल इनकम बढ़ी तो खरीदने की क्षमता बढ़ती है. इससे बाजार में कंजम्पशन बढ़ता है. एफएमसीजी, आटो सेक्टर खासतौर से टू व्हीलर और कज्यूमर गुड्स की मांग बढ़ती है. वहीं खरीदने की क्षमता बढ़ने से दोपहिया वाहनों, ऑटो, रूरल फाइनेंसिंग, एग्रोकेमिकल और चुनिंदा FMCG कंपनियों को भी फायदा होता है. यानी मॉनसून से कई सेक्टर को फायदा होता है. वहीं इससे कंपनियों को सस्‍ता रॉ मैटेरियल भी उपलब होता है, जिससे उनके खर्च में कमी आती है.

उनका कहना है कि Dabur India (टारगेट: 700 से 750 रुपये), Mahindra & mahindr finance (टारगेट: 500 से 550 रुपये), Heromoto (टारगेट: 3500 से 3600 रुपये), Rallies (टारगेट: 350 से 400 रुपये) और Dhanuk target (टारगेट: 950 से 1000 रुपये) जैसे मॉनसून थीम वाले शेयर आगे अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं.

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद खास

भारत में होने वाली कुल बारिश का करीब 70 से 80 फीसदी बारिश मानसून सीजन में ही होती है. अमूमन यह 1 जून से शुरू होता है और सितंबर तक यानी 4 महीनों का होता है. भारत में खेती योग्य 60 फीसदी से ज्यादा जमीन ऐसी है, जहां सिंचाई का ठीक प्रबंध नहीं है. ऐसे में उन क्षेत्रों में किसान खेती के लिए बारिश पर निर्भर रहते हैं. इस सीजन में चावल, मक्का, दाल, कपास और गन्ना जैसी फसलें मॉनसून पर निर्भर हैं.

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह एक्सपर्ट के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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