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Moody's ने घटाया भारत का ग्रोथ रेट अनुमान, कहा- कोरोना की दूसरी लहर ने ढाया कहर

Moody's ने मौजूदा साल के लिए 9.3% ग्रोथ का जो अनुमान जाहिर किया है, उसे 2020-21 के दौरान GDP में आई 7.3% की गिरावट से जोड़कर देखें तो इस साल वास्तविक ग्रोथ रेट 2.3% ही रहेगी.

Moody's ने मौजूदा साल के लिए 9.3% ग्रोथ का जो अनुमान जाहिर किया है, उसे 2020-21 के दौरान GDP में आई 7.3% की गिरावट से जोड़कर देखें तो इस साल वास्तविक ग्रोथ रेट 2.3% ही रहेगी.

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Moody's ने घटाया भारत का ग्रोथ रेट अनुमान, कहा- कोरोना की दूसरी लहर ने ढाया कहर

GDP Growth rate slashed : रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विसेज (Moody's Investors Services) ने भारत का ग्रोथ रेट अनुमान घटा कर 9.6 फीसदी कर दिया है. मूडीज ने इससे पहले 13.9 फीसदी का ग्रोथ रेट अनुमान दिया था. रेटिंग एजेंसी ने भले ही मौजूदा साल के लिए 9.3 फीसदी का ग्रोथ रेट अनुमान जाहिर किया है लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ रेट में 7.3 की गिरावट को देखते हुए वास्तविक ग्रोथ रेट 2.3 फीसदी ही रहेगा. वित्त वर्ष 2019-20 में ग्रोथ रेट 4 फीसदी रहा था. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की थी.

भारत का क्रेडिट प्रोफाइल रिस्क बढ़ा

इससे पहले, मूडीज ने वित्त वर्ष 2020-21 में 9.3 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने भारत के क्रेडिट प्रोफाइल का रिस्क बढ़ा दिया है. मूडीज की 'मैक्रोइकोनॉमिक्स- इंडिया' नाम की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड की वजह से अप्रैल और मई में जो लॉकडाउन लगाया गया उसने आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार रोक दी. मूडीज के अनुसार, 'वायरस की दूसरी लहर ने अनिश्चितता बना दी है. हालांकि, यह संभावना है कि यह आर्थिक नुकसान अप्रैल से जून की तिमाही के बीच ही रहेगी.

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कोरोना की दूसरी लहर का कहर

मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था 9.6 फीसदी रेट से आगे बढ़ेगी. वहीं, 2022 में यह 7 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा है कि भारत की ग्रोथ रेट बहुत हद तक टीकाकरण पर निर्भर करेगा. मूडीज ने कहा है कि जून के तीसरे सप्ताह तक भारत केवल 16 फीसदी आबादी को ही टीका लगा पाया था. साल की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिल सकती है क्योंकि टीकाकरण में तेजी आने से अर्थिक गतिविधियां भी रफ्तार पकड़ेंगीं. मूडीज की रिपोर्ट  के मुताबिक पिछ्ले साल के मुकाबले इस साल आई कोविड-19 की लहर की वजह से नुकसान कम हुआ है, हालांकि, मिडिल क्लास और निम्न आय वर्ग के लोगों की इनकम में गिरावट आई है.

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