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Earlier this month, Moody's had raised India's sovereign rating outlook to 'stable' from 'negative'. It also affirmed sovereign rating at 'Baa3'. (File)
Moody's Forecast: चालू वित्त वर्ष यानी 2021-22 में भारत की जीडीपी 9.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जबकि अगले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में यह 7.9 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में यह अनुमान Moody's Investors Service ने मंगलवार को पेश किया है.
मूडीज का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश के कई हिस्सों में लगाए लॉकडाउन या पाबंदियों का उतना गंभीर असर नहीं होगा, जितना पिछले साल देश भर में लगाए गए लॉकडाउन का हुआ था. भारत में कोरोना की दूसरी लहर अधिक खतरनाक साबित हुई है, जिसमें लगातार कई दिनों तक हर 24 घंटे में 4 लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे थे. हालांकि फिलहाल डेली केसेज में गिरावट आने से हालात संभलने की उम्मीद बढ़ी है. फिर भी एक दिन में आने वाले नए मामलों की संख्या कोरोना की पहली लहर के पीक से लगभग दोगुनी बनी हुई है. देश में अभी 18.95 लाख एक्टिव केसेज हैं. देश के कई हिस्सों में अब भी या तो लॉकडाउन है या बड़े पैमाने पर पाबंदियां लगी हुई हैं.
अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती
मूडीज का मानना है कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आएगी, लेकिन इसके बाद इसमें सुधार होगा और चालू वित्त वर्ष के दौरान इंफ्लेशन-एडजस्टेड रियल जीडीपी ग्रोथ रेट 9.3 फीसदी रहेगी. इसके अलावा अगले वित्त वर्ष में 7.9 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ रहेगी. मूडीज के मुताबिक लंबी अवधि के दौरान रीयल जीडीपी ग्रोथ रेट औसतन 6 फीसदी रह सकती है. 9.3 फीसदी या 7.9 फीसदी की ग्रोथ रेट पहली नजर में तो शानदार लगती है, लेकिन दरअसल यह ग्रोथ रेट 2020-21 के दौरान जीडीपी में दर्ज की गई 7.3 फीसदी की गिरावट से तुलना करने की वजह से इतनी बढ़ी हुई दिख रही है.
FY21 में 7.3% की दर से घटी देश की जीडीपी
एक दिन पहले राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3 फीसदी घट गई थी. इसके एक वित्त वर्ष पहले 2019-20 में यह 4 फीसदी की दर से बढ़ी थी. हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 के आखिरी तिमाही की बात करें तो जनवरी-मार्च 2021 में जीडीपी 1.6 फीसदी की दर से बढ़ी थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO)जीडीपी के आंकड़े हर तिमाही यानी साल में चार बार जारी करती है. जीडीपी की गणना के लिए NSO देश के आठ प्रमुख क्षेत्रों से आंकड़े प्राप्त करता है. इनमें कृषि, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, विद्युत, गैस सप्लाई, माइनिंग, वानिकी एवं मत्स्य, क्वैरीइंग, होटल, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड और कम्युनिकेशन, फाइनेंसिंग और इंश्योरेंस, बिजनेस सर्विसेज और कम्युनिटी के अलावा सोशल व सार्वजनिक सेवाएं शामिल है.