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2021-22 में जीडीपी 10.8 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है.
मूडीज इंवेस्टर सर्विस (Moody's investors service) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की ग्रोथ का अनुमान (-)10.6 फीसदी लगाया है. हालांकि इससे पहले उसका यह अनुमान -11.5 फीसदी था. मूडीज ने अपना अनुमान इसलिए बदला है क्योंकि भारत में इस समय मैनुफैक्चरिंग और रोजगार निर्माण को प्रमुखता दी जा रही है और लांग टर्म ग्रोथ पर फोकस बना हुआ है. पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने 2.7 लाख करोड़ का एक नया वित्तीय पैकेज जारी किया था. मूडीज के मुताबिक, केंद्र सरकार की पहल का लक्ष्य भारत में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में प्रतिस्पर्धी माहौल को बढ़ाना और रोजगार का निर्माण है. इससे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और कर्ज उपलब्धता बढ़ेगी और संकट में चल रहे सेक्टर्स को सहारा मिलेगा.
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2021-22 में GDP ग्रोथ रहेगी पॉजिटिव
मूडीज ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए वास्तविक और महंगाई पर आधारित जीडीपी का अनुमान कम किया है और उनके अनुमान के मुताबिक चालू सत्र में भारत की जीडीपी 10.6 फीसदी की नकारात्मक ग्रोथ रहेगी. पहले यह अनुमान 11.5 फीसदी था. अगले वित्तीय वर्ष 20021-22 के लिए मूडीज ने अपना अनुमान सकारात्मक रखा है और अगले वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी 10.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी. पहले 10.6 फीसदी फीसदी की दर से बढ़ोतरी का अनुमान था. मूडीज के मुताबिक, भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ मीडियम टर्म में 6 फीसदी के आस-पास भी रह सकती है.
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सरकारी कर्ज के बढ़ने का अनुमान
वैश्विक रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकारी कर्ज जीडीपी के 89.3 फीसदी तक बढ़ सकता है और उसके अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह 87.5 फीसदी तक कम हो सकता है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह 72.2 फीसदी है. हालांकि मूडीज का कहना है कि भारत में उपभोक्ताओं का भरोसा कम बना रहेगा क्योंकि कोरोना वायरस के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं.
Goldman Sachs भी बदल चुका है अनुमान
इससे पहले इंवेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs ने इस वित्त वर्ष में भारतीय जीडीपी ग्रोथ में सुधार कर अपना अनुमान (-)10.3 कर दिया. इससे पहले इंवेस्टमेंट बैंक का अनुमान था कि भारतीय इकोनॉमी (-)14.8 फीसदी की दर से सिकुड़ सकती है. इसके अलावा मॉर्गेन स्टैनली ने भी अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2021 में आर्थिक विकास दर सुधरकर 9.8 फीसदी हो सकती है. जबकि 2020 में जीडीपी ग्रोथ में 5.7 फीसदी गिरावट का अनुमान है.