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जेटली ने गिरते रुपये पर कहा कि रुपया दो ही कारकों से टूट रहा है. तेल की कीमतें और मजबूत डॉलर. (Reuters)
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केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि सरकार चालू खाता घाटे (CAD) को कम करने का भरसक कोशिश कर रही है और इस दिशा में और भी कई कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने मौजूदा कर्ज के लक्ष्य को घटाकर 70,000 करोड़ करने और तेल कंपनियों को एक साल में 10 अरब डॉलर तक जुटाने की अनुमति देने सहित सिलसिलेवार कई कदम उठाए हैं. इस दिशा में और भी कई कदम स्थिति पर निर्भर करेगा.
जेटली ने 'हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट' में कहा, "मौजूदा व्यापार घाटे को कम करने के लिए हम तैयार हैं और इस स्थिति से निपटने के लिए धीरे-धीरे कई कदम उठा रहे हैं. जिस तरह से स्थिति आगे बढ़ती हैं, आप देखेंगे कि इस दिशा में और भी कदम उठाए जाएंगे."
जेटली ने कहा कि सीएडी प्रत्यक्ष रूप से वैश्विक तेल कीमतों से जुड़ा है और तेल बीते कुछ वर्षो में अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है और इसके कई प्रतिकूल प्रभाव भी पड़े हैं. उन्होंने कहा, "हम इस घाटे को कम करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं. इस दिशा में कुछ और कदम उठाए जाएंगे लेकिन इसके दो कारक हैं और ये दोनों ही बाहरी हैं. पहला तेल की कीमतें हैं और दूसरा अमेरिकी की नीतियां हैं, जिससे डॉलर मजबूत तो हो रहा है लेकिन इससे दुनियाभर की मुद्राएं प्रभावित हो रही हैं."
मंत्री ने कहा, "जहां तक हमारी अंदरूनी स्थिति की बात है. हमें अपना सिस्टम मजबूत करना होगा ताकि इससे हमारे विकास पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े."
जेटली ने गिरते रुपये पर कहा कि राजनीतिक और अर्थशास्त्रियों की राय में मतभेद के कारण यह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, "लेकिन रुपया दो ही कारकों से टूट रहा है. तेल की कीमतें और मजबूत डॉलर."
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती में विश्वास जताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थिति अल्पावधि के लिए ही है और यह जल्द खत्म हो जाएगी. जेटली ने कहा कि अगले 10 से 20 वर्षो में भारत के पास अपनी उच्च विकास दर बनाए रखने के लिए विकास के कई रास्ते हैं.