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सिर्फ नियंत्रण के लिए Zee में हिस्सेदारी खरीदना मुख्य मकसद नहीं.
सिर्फ नियंत्रण के लिए Zee में हिस्सेदारी खरीदना मुख्य मकसद नहीं.देश के सबसे अमीर शख्स रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी और एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल में जल्द ही नई होड़ शुरू होने वाली है. सूत्रों के मुताबिक दोनों ही वित्तीय संकट से जूझ रहे इंडियन टेलीविजन नेटवर्क जी एंटरटेनमेंट में हिस्सदारी के लिए बोली लगा सकते हैं. वर्तमान में दोनों ही दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल बाजार में टेलीकॉम सर्विस को लेकर प्रतिद्वंद्विता कर रहे हैं. जी के एक प्रतिनिधि ने इस बारे में पूछे जाने पर सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन इतना जरूरी कहा कि कई पोटेंशियल पार्टनर्स के साथ बातचीत चल रही है. भारती एयरेटल के प्रवक्ता ने Zee में हिस्सदारी खरीदने की बात को गलत बताया और रिलायंस जियो इंफोकॉम न इस पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.
नियंत्रण के लिए Zee में हिस्सेदारी खरीदना जरूरी मकसद नहीं
मुंबई स्थित कंसल्टिंग फर्म एसेंटियस इनसाइट्स के प्रिंसिपल एनालिस्ट आलोक शेंडे का मानना है कि रिलायंस जियो और एयरटेल नियंत्रण के लिए जी एंटरटेनमेंट में हिस्सेदारी खरीदना चाह रही हों, यह जरूरी नहीं है. शेंडे के मुताबिक जी एंटरटेनमेंट के जरिए दोनों ही कंपनियों की निगाह हाई-स्पीड नेटवर्क्स पर डिस्ट्रीब्यूशन अपॉर्च्युनिटी को भुनाने की है.
जी एंटरटेनमेंट खोज रही रणनीतिक निवेशक
भारी कर्ज के बोझ में डूबी हुई जी एंटरटेनमेंट स्ट्रैटेजिक निवेशक की तलाश कर रही है. जी का दावा है कि उसके पास 173 देशों मं 78 चैनल्स और 4800 मूवी टाइटल्स हैं. कुछ समय पहले सोनी कॉरपोरेशन ने जी में अपनी दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन यह बातचीत अधिक नहीं चल सकी.
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