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भारतीय अर्थव्यवस्था कैसे बढ़ेगी? मुकेश अंबानी ने दिए सुझाव; 3 सेक्टर्स को बताया विरासत

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि देश के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर नीतियां एक बार फिर से बनाई जाएं.

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि देश के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर नीतियां एक बार फिर से बनाई जाएं.

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Bloomberg
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Agreeing with him, Zuckerberg said that a lot of Indian entrepreneurs need digital tools that they can rely on to find and communicate with customers and grow their businesses

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एशिया के सबसे अमीर शख्स रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए देश के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर नीतियां एक बार फिर से बनाना आवश्यक है. एक किताब की ऑनलाइन लांचिंग के मौके पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही. अंबानी ने अपनी विरासत को लेकर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि उनका फोकस तीन प्रमुख सेक्टर पर है, जिसमें वह अपना योगदान करना चाहते हैं.

जब उनसे पूछा गया कि वह विरासत में क्या छोड़ना चाहते हैं, तो उन्होंने तीन प्रमुख क्षेत्रों की तरफ इशारा किया. अंबानी ने कहा कि वह भारत को एक डिजिटल सोसाइटी बनाना चाहते हैं, देश की शिक्षा व्यवस्था को बूस्ट करने चाहते हैं और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र को ट्रांसफॉर्म करना चाहते हैं.

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ऑफलाइन कारोबार पर ध्यान देने की जरूरत

देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ने पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि देश में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर एक बार फिर से विचार किए जाने की जरूरत है और इसे लेकर नई नीतियां बनाई जानी चाहिए. उनका मानना है कि जिस तरह से आज ऑनलाइन कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है, वैसे ही ऑफलाइन कारोबार को भी (Bricks as much as Clicks) बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

अंबानी के मुताबिक, छोटे और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को मजबूत किए जाने की जरूरत है. बता दें कि इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के मार के चलते बहुत बड़े संकट का सामना कर रही है. ऐतिहासिक स्तर पर इकोनॉमी में गिरावट आई है और कई लोगों के रोजगार भी चले गए हैं.

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छोटे कारोबारियों के लिए खोज रहे विदेशी निवेशक

पिछले कुछ महीनों में रिलायंस में 1836 करोड़ रुपये (2500 करोड़ अमेरिकी डॉलर) का विदेशी निवेश हुआ है. अब रिलायंस के चेयरमैन छोटे बिजनेस, स्टार्टअप्स और मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स (छोटे और पारिवारिक कारोबारी) को सहारा देने के लिए विदेशी निवेशक की तलाश कर रहे हैं. यह रिलायंस की ई-कॉमर्स योजना का एक हिस्सा है.

Mukesh Ambani