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Mutual Funds: शेयर बाजार में उतार चढ़ाव के बाद भी म्यूचुअल फंड पर निवेशकों का भरोसा कायम है.
Mutual Funds Investment Data: मार्च 2023 के दौरान भले ही शेयर बाजार में उतार चढ़ाव देखने को मिला है, लेकिन म्यूचुअल फंड पर निवेशकों का भरोसा कायम है. मार्च के दौरान ओपन-एंडेड इक्विटी फंड में नेट इनफ्लो 31 फीसदी बढ़कर 20,534.21 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल का हाई लेवल है. सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) के जरिए निवेश पहली बार 14,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया. फरवरी के 13,686 करोड़ रुपये की तुलना में मार्च के लिए एसआईपी के जरिए निवेश रिकॉर्ड 14,276 करोड़ रुपये रहा है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा आंकड़े जारी किए गए हैं.
मार्च में नेट इक्विटी इनफ्लो 15,685.57 करोड़ रहा है, वहीं फरवरी में 460.30 करोड़ रुपये के फ्लो की तुलना में मार्च में हाइब्रिड में नेट आउटफ्लो 12,372 करोड़ रुपये रहा. डेट और हाइब्रिड फंडों में भारी बिकवाली के चलते मार्च के दौरान ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंडों से कुल मिलाकर 21,693.91 करोड़ रुपये की निकासी हुई.
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इक्विटी फंड्स: सभी कैटेगिरी में जमकर निवेश
ग्रोथ/इक्विटी ओरिएंटेड फंड्स की बात करें तो सभी 11 कैटेगरी में पॉजिटिव इनफ्लो देखा गया. सेक्टोरल/थीमैटिक फंड्स में सबसे अधिक नेट इनफ्लो 3,928.97 करोड़ रुपये रहा. उसके बाद डिविडेंड यील्ड फंड्स में 3,715.75 करोड़ रुपये का निवेश आया, हालांकि इनमें से ज्यादातर निवेश 3,496 करोड़ रुपये एसबीआई डिविडेंड यील्ड फंड के नए फंड ऑफर पीरियड के दौरान आया. निवेशकों ने स्मॉल-कैप शेयरों में भी भरोसा बनाए रखा और इस कैटेगिरी में 2,430.04 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. मिड कैप फंड और लार्ज एंड मिड कैप फंड में भी पॉजिटिव फ्लो रहा, जबकि टैक्स-सेविंग इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ईएलएसएस) में भी मार्च के दौरान 2,685.58 करोड़ रुपये का शुद्ध फ्लो देखा गया.
AMFI के चीफ एग्जीक्यूटिव एनएस वेंकटेश का कहना है कि एसआईपी के जरिए निवेश लगातार बढ़ रहा है. मार्च में यह रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया. इस दौरान रिटेल निवेशकों ने म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश पर जमकर भरोसा जताया है. ग्लोबल स्तर पर जियो पॉलिटिकल टेंशन और महंगाई के कारण अस्थिरता के बावजूद कोरोना वायरस महामारी के बाद के महीनों में म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी भी इसका संकेत है.
नियम बदलने से डेट कैटेगिरी पर दबाव
सरकार द्वारा वित्त विधेयक में म्यूचुअल फंड टैक्सेशन में बदलाव किए जाने के बाद डेट सेग्मेंट में निवेशक लॉन्ग ड्यूरेशन फंड की ओर शिफ्ट हुए. इनकम/ डेट ओरिएंटेड सेग्मेंट में सबसे ज्यादा बिकवाली लिक्विड फंडों में देखा गया, जिसमें मार्च में 56,924.13 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री देखी गई. लिक्विड फंड में आमतौर पर निवेशक 3 महीने के लिए पैसा लगाते हैं. डेट कैटेगरी में, कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स में सबसे ज्यादा इनफ्लो 15,626.16 करोड़ रुपये देखने को मिला.
बढ़ रही है महिलाओं की भागीदारी
एएमएफआई के अनुसार, मार्च 2023 के अंत में पैन नंबर के आधार पर यूनिक निवेशकों की संख्या 3.77 करोड़ थी. पिछले वित्त वर्ष के अंत में यह संख्या 3.37 करोड़ थी. यूनिक निवेशकों की संख्या मार्च 2017 से पिछले महीने के अंत तक 214 फीसदी बढ़ी है. वहीं महिला निवेशकों की संख्या दिसंबर 2022 के अंत में 74.49 लाख थी, जो दिसंबर 2019 के अंत में 46.99 लाख थी. यानी 3 साल में 50 फीसद ग्रोथ रही है. महिला निवेशकों की अधिकतम संख्या 45 साल और उससे अधिक आयु वर्ग में है, जबकि दिसंबर 2022 के अंत में 18-24 साल के आयु वर्ग में 2.82 लाख महिला निवेशक हैं.