/financial-express-hindi/media/post_banners/ccDRikCs5AmwXFyyMe5r.jpg)
Mutual Funds: हाल फिलहाल में म्यूचुअल फंड निवेशकों का इंटरेस्ट स्मॉलकैप फंडों पर बढ़ा है.
Mutual Funds SIP Strategy: शेयर बाजार एक बार फिर रिकॉर्ड हाई के करीब बढ़ रहे हैं. बीते 1 साल में सेंसेक्स और निफ्टी में 14 फीसदी और 13.5 फीसदी के करीब तेजी आ चुकी है. ऐसे में म्यूचुअल फंड निवेशक इक्विटी में निवेश को लेकर अलर्ट नजर आ रहे हैं. इसी वजह से इक्विटी सेग्मेंट में लगातार दूमरे महीने निवेश घटा है. मई में इक्विटी इनफ्लो 50 फीसदी घट गया है. लेकिन दूसरी ओर निवेशक स्मालकैप शेयरों में जमकर पैसा लगा रहे हैं. भले ही इक्विटी में अनफ्लो आधा रह गया, लेकिन स्मॉलकैप में निवेश 50 फीसदी बढ़ गया है.
स्मॉलकैप फंड में 3282 करोड़ रुपये निवेश
इक्विटी म्यूचुअल फंड में होने वाला निवेश मई के महीने में आधा होकर 3,240 करोड़ रुपये रह गया. म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करने वाली कंपनियों के संगठन एम्फी के डाटा के अनुसार अप्रैल में इक्विटी में निवेश 6400 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा था. वहीं मार्च में इक्विटी में शुद्ध निवेश 20,534 करोड़ रुपये का हुआ था. दूसरी ओर स्मॉलकैप फंडों में नेट फ्लो 3282 करोड़ रुपये का रहा जो अप्रैल से 50 फीसदी ज्यादा है.
TCS: टाटा ग्रुप का ये दिग्गज शेयर दे सकता है 20% रिटर्न, 1 साल में 3860 रुपये तक जा सकता है स्टॉक प्राइस
लार्जकैप में मुनाफा वसूली
AMFI के डाटा के अनुसार मई में मिडकैप फंडों में इनफ्लो 1196 करोड़ का रहा. जबकि लार्जकैप फंडों से 1362 करोड़ की निकासी देखने को मिली है. ELSS से 505 करोड़ की निकासी हुई है. लार्ज एंड मिडकैप में 1133 करोड़ का निवेश आया है. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट मई के अंत तक 43.2 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रैल 2023 में 41.62 लाख करोड़ था.
स्मॉलकैप में क्यों आ रहा है पैसा
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि पिछले एक साल में निफ्टी और सेंसेक्स में अच्छा खासा रिटर्न जेनरेट हुआ है. जिसके बाद लार्जकैप में बिकवाली दिखी है. वहीं आगे बाजार के लिए आउटलुक बेहतर ओ रहे हैं. मैक्रो कंडीशंस और ग्रोथ इंडीकेटर्स में लगातार सुधार के संकेत हैं. ऐसे में निवेशकों को मिडकैप और स्मालकैप में हाई रिटर्न जेनरेट होने की उम्मीद है. इसी वजह से स्मालकैप पर निवेशकों का ज्यादा जोर है.
वहीं स्मालकैप और मिडकैप में अवसर भी बहुत ज्यादा हैं. इन सेग्मेंट में अभी बहुत सी ऐसी कंपनियां हैं जो अपनी क्षमता के लिहाज से अंडरवैल्यूड हैं. इनमें वह रिटर्न नहीं मिला है, जितना मिलना चाहिए. आकर्षक वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहे इनके शेयरों में अच्छी खासी ग्रोथ की संभावनाएं हैं. इसी वजह से निवेशक खासतौर से स्मालकैप की ओर शिफ्ट हुए हैं.
इंडिया-अमेरिका 50-50 : निवेश के लिए अपनाएं ये तरीका, मिलेगा डबल इंजन कंपाउंडिंग का फायदा
SIP को लेकर क्या बनाएं स्ट्रैटेजी
इक्विटी में इनफ्लो भले ही कम हुआ है, लेकिन सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है. AMFI के डाटा के अनुसार मई 2023 में SIP के जरिए रिकॉर्ड 14,749 करोड़ का निवेश हुआ जो अप्रैल 2023 में 13,728 करोड़ था. निगम का कहना है कि अगर निवेशक जोखिम लेने को तैयार हैं तो अभी मिडकैप और स्मॉलकैप सेग्मेंट में SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं. स्मॉल-कैप में लार्जकैप की तुलना में जोखिम हैं, लेकिन 5-7 साल के अवधि में यह हाई रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. इसलिए निवेश का टारगेट कम से कम 5 साल रखें.
वहीं कम रिस्क वाले निवेशकों को लार्ज एंड मिडकैप में और अगर कन्जर्वेटिव हैं तो मल्टीकैप में SIP के जरिए निवेश करें. हर सेग्मेंट में निवेश की अवधि कम से कम 3 से 5 साल की होनी चाहिए.
(Disclaimer: म्यूचुअल फंड के बारे में यहां विचार एक्सपर्ट के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)