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आधार आर्किटेक्ट नंदन नीलेकणि ने किया BitCoin समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसीज का समर्थन, कहा- ट्रांजैक्शन मीडियम की बजाय मानें एसेट क्लास

केंद्र सरकार भारत में सभी क्रिप्टोकरेंसीज को प्रतिबंधित करने की योजना बना रही है और देश के टॉप टेक्नोक्रेट व आधार आर्किटेक्ट Nandan Nilekani ने इसका समर्थन किया है.

केंद्र सरकार भारत में सभी क्रिप्टोकरेंसीज को प्रतिबंधित करने की योजना बना रही है और देश के टॉप टेक्नोक्रेट व आधार आर्किटेक्ट Nandan Nilekani ने इसका समर्थन किया है.

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FE Online
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Nandan Nilekani backs crypto amid lurking fear of ban says it has enormous potential should be allowed

नीलेकणि के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसीज को एसेट क्लास की तरह मानना चाहिए और लोगों को इसमें निवेश की मंजूरी दी जानी चाहिए.

केंद्र सरकार भारत में सभी क्रिप्टोकरेंसीज को प्रतिबंधित करने की योजना बना रही है और देश के टॉप टेक्नोक्रेट व आधार आर्किटेक्ट Nandan Nilekani ने इसका समर्थन किया है. नीलेकणि के मुताबिक लोगों को क्रिप्टो में निवेश के लिए मंजूरी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे एसेट क्लास की तरह मानना चाहिए और लोगों को इसमें निवेश की मंजूरी दी जानी चाहिए. नीलेकणि का बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार जल्द ही संसद में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल करेंसी बिल, 2021 लाने की तैयारी में है. इस बिल के तहत सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज को बैन कर दिया जाएगा. सरकार यह कदम आतंकी फंडिंग, मनी लांड्रिंग और अन्य प्रकार की अवैध गतिविधियों में इसके इस्तेमाल को लेकर जुड़ी चिंताओं पर उठा रही है.

ट्रांजैक्शन मीडियम की बजाय एसेट क्लास मानने की सलाह

नंदन नीलेकणि ने कहा कि एक एसेट क्लास के रूप में क्रिप्टों में लोगों को निवेश की मंजूरी देनी चाहिए. नीलेकणि के मुताबिक यह यूपीआई की तरह तेज ट्रांजैक्शन मीडियम के तौर पर काम नहीं करेगा लेकिन इसमें बहुत पूंजी है. क्रिप्टो स्पेस के स्टार्टअप्स ने नीलेकणि के बयान का स्वागत किया है. ऑटोमेटेड क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मुड्रेक्स ने फाइनेंसियल एक्सप्रेस ऑनलाइन से बातचीत में कहा कि दुनिया भर के कई दिग्गज क्रिप्टो को इंटरनेट की करेंसी के रूप में विचार कर रहे हैं और अब क्रिप्टो को लेकर नंदन नीलेकणि के सकारात्मक रूख ने स्पष्ट किया है कि ऐसी स्थितियां यहां भी हैं. पटेल ने कहा कि नीलेकणि ने सही तरीके से स्पष्ट किया है कि क्रिप्टो की तुलना यूपीआई से नहीं की जा सकती है बल्कि इसे ट्रांजैक्शन मीडियम नहीं माना जाना चाहिए बल्कि क्रिप्टो इससे बहुत अधिक है. एक एसेट के रूप में माना चाहिए. पटेल के मुताबिक क्रिप्टो को मंजूरी मिलती है तो यह भविष्य के फाइनेंसियल सिस्टम को मजबूती देगी.

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झुनझुनवाला का BitCoin में भरोसा नहीं

नीलेकणि ने कहा कि भारतीय नियामक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर विचार कर रहे हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमें प्राइवेट स्टेबल क्वाइन चाहिए या एक डिजिटल रुपया काफी होगा. नीलेकणि ने कहा कि भारत को यह देखने की जरूरत है कि वह भारतीयों की मदद किस तरीके से कर सकता है और किस तरह से एमएसएमई बिटक्वाइन का प्रयोग करके पूंजी जुटा सकते हैं. बता दें कि पिछले महीने फरवरी 2021 में दिग्गज निवेशक राकेश झुनुझनवाला ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नकारात्मक रूख दिखाया था और सीएनबीसी को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि वे 5 डॉलर के भाव में भी इसे नहीं खरीदना पसंद करेंगे. झुनझुनवाला ने कहा कि दुनिया भर में करेंसी तैयार करने का अधिकार सिर्फ सोवरेन को है. झुनझुनवाला ने कहा कि इसका हैंगओवर बहुत बुरा होगा.

नोट- क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर अपनी वित्तीय सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें. इस स्टोरी में इसे लेकर जो मत हैं, वह संबंधित व्यक्तियों के हैं.

(Article: Sandeep Soni )

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