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राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने बुधवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से कहा कि वह फ्लिपकार्ट के खिलाफ कथित रूप से अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर जांच शुरू करे. NCLAT के अध्यक्ष जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस संबंध में CCI के पिछले आदेश पर रोक लगा दी.
सीसीआई ने अपने पिछले आदेश में ई-कॉमर्स क्षेत्र की बड़ी कंपनी फ्लिपकार्ट को उसकी प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप से दोषमुक्त कर दिया था. अपीलीय न्यायाधिकरण ने सीसीआई को निर्देश दिया है कि वह अपने महानिदेशक से आरोपों की जांच करने के लिए कहे. NCLAT ने कहा कि अखिल भारतीय विक्रेता संघ (AIOVA) ने अपना पक्ष अच्छी तरह रखा है.
CCI ने क्या कहा था आदेश में
CCI ने छह नवंबर 2018 को आदेश जारी करते हुए कहा था कि फ्लिपकार्ट और अमेजन (Amazon) ने प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन नहीं किया है और प्रभावशाली स्थिति के दुरुपयोग के AIOVA के आरोपों को खारिज कर दिया था. ई-कॉमर्स कंपनियों पर आरोप था कि फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म पर छोटे विक्रेता क्लाउड टेल, डब्ल्यूएस रिटेल जैसे बड़े वेंडर और आपूर्तिकर्ताओं के सहायक बनकर रह गए हैं और वे उपभोक्ताओं को सीधे सामान नहीं बेच पा रहे हैं.
CCI ने अपने आदेश में कहा था कि भारत में ऑनलाइन बाजार प्लेटफार्म की मौजूदा बाजार दशाओं और संरचना को देखते हुए ‘‘ऐसा नहीं लगता है कि किसी एक खिलाड़ी का बाजार पर प्रभुत्व है, क्योंकि बाजार अभी अपने विकास क्रम में है.’’ CCI के आदेश के अनुसार एआईओवीए 2000 विक्रेताओं का समूह है जो फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्रैपडील जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर बिक्री करता है.
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देश के व्यापारियों के हित में बड़ा फैसला: CAIT
NCLAT के आदेश का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने स्वागत किया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि NCLAT का आदेश कैट एवं देश के व्यापारियों के पक्ष में एक बड़ा फैसला है, जो अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ कैट द्वारा जारी कानूनी लड़ाई एवं अन्य आंदोलन की सफलता में महत्वपूर्ण साबित होगा. यह आदेश निश्चित रूप से अमेजन और फ्लिपकार्ट की जांच के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्टे के आदेश को प्रभावित करने वाला है.
Input: PTI