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वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज पर बैंकों का 31 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है जिसमें ब्याज राशि भी शामिल है.
Videocon Resolution Plan: बैंकरप्सी कोर्ट नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) वीडियोकॉन के लिए रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी है. एनसीएलटी ने अरबपति अनिल अग्रवाल की Twin Star Technologies को वीडियोकॉन को 3 हजार करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की मंजूरी दी ही. ट्विन स्टार वेदांता ग्रुप की एक इकाई है और यह 90 दिनों के भीतर 500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करेगी और शेष राशि को का भुगतान कुछ समय के भीतर नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स के रूप में करेगी. वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने इस रिजॉल्यूशन प्लान को लेकर रेगुलेटरी फाइलिंग में भी जानकारी दी है. वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने सूचित किया है कि रिजॉल्यूशन प्लान के तहत कंपनी के इक्विटी शेयर्स को डीलिस्ट करने का प्रस्ताव रखा गया है. हालांकि एनसीएलटी की दो सदस्यीय मुंबई पीठ ने मौखिक रूप से यह फैसला सुनाया है और फैसले की विस्तृत प्रति अब तक नहीं आई है.
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रव्वा ऑयल फील्ड में वेदांता की सबसे अधिक हो जाएगी हिस्सेदारी
इस मंजूरी के चलते वेदांता की रव्वा ऑयल फील्ड में होल्डिंग कंसॉलिडेट हो जाएगी. वीडियोकॉन की केजी बेसिन के रव्वा ऑयल फील्ड में करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी है जिसके चलते वेदांता ने इसके लिए बिड लगाने में दिलचस्पी दिखाई. केयर्न के जरिए वेदांता की रवा में 22.5 फीसदी हिस्सेदारी है और अब रिजॉल्यूशन प्रक्रिया में उसका ऑफर चुने जाने के बाद वेदांता की इस फील्ड में हिस्सेदारी बढ़कर 47.5 फीसदी हो जाएगी. इसके बाद वेदांता की रव्वा फील्ड में सबसे अधिक हिस्सेदारी हो जाएगी. अभी ओएजीसी की इसमें 40 फीसदी हिस्सेदारी है. रव्वा ब्लॉक से वित्त वर्ष 2020 में हर दिन औसतन 14,232 बैरल तेल निकाला जाता था जो वित्त वर्ष 2021 में बढ़कर 22,037 बैरल प्रतिदिन हो गया.
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धूत फैमिली के ऑफर को क्रेडिटर्स ने कर दिया था मना
वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज पर बैंकों का 31 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है जिसमें ब्याज राशि भी शामिल है. इससे पहले धूत परिवार ने लेंडर्स को आउटस्टैंडिंग लोन्स को सेटल करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपये चुकाने का ऑफर दिया था ताकि वीडियोकॉन ग्रुप की 13 कंपनियों के खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया न चले. हालांकि वेदांता ने अपनी एक सब्सिडियरी कंपनी के जरिए रिजॉल्यूशन प्लान प्लेस्ड किया था और इस ऑफर को क्रेडिटर्स ने चुना. धूत का सेटलमेंट ऑफर वीडियोकॉन ग्रुप की 15 कंपनियों में से 13 के लिए था जो संयुक्त रूप से कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस (सीआईआरपी) की प्रक्रिया से गुजर रही हैं . इस ऑफर के तहत दो ग्रुप कंपनियां केएआईएल और ट्रेंड नहीं शामिल थीं.