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NCLT Order: वीडियोकॉन के प्रमोटर्स की संपत्तियों को फ्रीज करने का निर्देश, 2014-2019 में कंपनी को लोन बांटने पर उठाए सवाल

वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2014 में 10,028.09 करोड़ रुपये का रिजर्व व सरप्लस दिखाया था लेकिन अगले पांच साल के भीतर ही वित्त वर्ष 2019 में (-) 2,972.73 करोड़ रुपये का रिजर्व व सरप्लस दिखाया.

वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2014 में 10,028.09 करोड़ रुपये का रिजर्व व सरप्लस दिखाया था लेकिन अगले पांच साल के भीतर ही वित्त वर्ष 2019 में (-) 2,972.73 करोड़ रुपये का रिजर्व व सरप्लस दिखाया.

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PTI
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NCLT directs freezing attaching assets of Videocon promoters following petition by the Ministry of Corporate Affairs

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने वीडियोकॉन प्रमोटर्स के एसेट्स और संपत्तियों को फ्रीज और अटैच करने का आदेश दिया है.

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने वीडियोकॉन प्रमोटर्स के एसेट्स और संपत्तियों को फ्रीज और अटैच करने का आदेश दिया है. यह निर्देश मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स द्वारा याचिका पर आया है. एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) को यह निर्देश दिया है. इसके तहत सीडीएसएल और एनएसडीएल वीडियोकॉन के प्रमोटर्स की किसी भी कंपनी या सोसायटी में स्वामित्व या हिस्सेदारी को फ्रीज करेगी और इसे ट्रांसफर करने या बिक्री पर रोक रहेगी. कार्रवाई की पूरी डिटेल्स को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा. एनसीएलटी ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) को वीडियोकॉन प्रमोटर्स के सभी संपत्तियों का खुलासा करने का निर्देश दिया है ताकि उन्हें फ्रीज किया जा सके.

बेंच ने केंद्रीय मंत्रालय को इस पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया है और कहा कि जब तक इसकी उचित तरीके से जांच नहीं हो जाता है कि कंपनी ने कर्ज का इंतजाम किस तरह से किया, फर्जीवाड़े की पूरी कहानी सामने नहीं आ सकता है. बेंच के आदेश की एक कॉपी सीरियस फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) के निदेशक के साथ भी साझा की जाएगी जो पहले से ही मामले की जांच कर रही है. मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को है.

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बैंक एसोसिएशन को बैंक खातों व लॉकर फ्रीज करने का आदेश

एनसीएलटी ने 31 अगस्त को इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) को वीडियोकॉन प्रमोटर्स के सभी बैंक खातों और लॉकर्स की जानकारी साझा करने को कहा है और इन्हें तत्काल प्रभाव से फ्रीज करने का निर्देश दिया है. केंद्रीय मंत्रालय को वीडियोकॉन के प्रमोटर्स की सभी अचल संपत्तियों की पहचान और उनके खुलासे के लिए सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को कहने के लिए मंजूरी दी गई है.

एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने यह निर्देश मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की याचिका पर दिया है जिसमें केंद्रीय मंत्रालय ने वीडियोकॉन के प्रमोटर्स की संपत्तियों को अटैच करने की मांग की थी ताकि रिकवरी बढ़ाई जा सके. मिनिस्ट्री ने धूत व अन्य पूर्व निदेशकों और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कंपनी एक्ट के सेक्शन 241 व सेक्शन 242 के तहत याचिका दायर की थी. ये सेक्शन कंपनी में कुप्रबंधन और उत्पीड़न से संबंधित हैं.

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महज पांच साल में ही सरप्लस निगेटिव में

ट्रिब्यूनल ने पाया कि वित्त वर्ष 2014 में वीडियोकॉन इंड्स्ट्रीज लिमिटेड ने 10,028.09 करोड़ रुपये का रिजर्व व सरप्लस दिखाया था लेकिन अगले पांच साल के भीतर ही वित्त वर्ष 2019 में कंपनी ने (-) 2,972.73 करोड़ रुपये का रिजर्व व सरप्लस दिखाया. इन पांच साल में कंपनी का सिक्योर्ड लोन 20,149.23 करोड़ रुपये से बढ़कर 28,586.87 करोड़ रुपये हो गया. ट्रिब्यूनल बेंच ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि किस तरह वित्तीय संस्थान एक डूबते हुए जहाज को लोन देने के लिए आगे आईं और फिर आईबीसी के सेक्शन 7 के तहत पेटीशन फाइल करती हैं और फिर इस इस याचिका का समर्थन करती हैं. बेंच ने कहा कि इससे आम लोगों के मन में सवाल उठते हैं.

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