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Amazon vs Future Retail: भारी कर्ज में डूबी हुई फ्यूचर ग्रुप की रिटेल कंपनी के खिलाफ इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस शुरू किया जाएगा.
Amazon vs Future Retail: बिग बाजार (Big Bazaar) रिटेल चेन का संचालन करने वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) को दिवालिया घोषित किए जाने की प्रक्रिया को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने हरी झंडी दिखा दी है. भारी कर्ज में डूबी फ्यूचर ग्रुप की इस कंपनी के खिलाफ इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस शुरू करने के लिए बैंक ऑफ इंडिया ने NCLT में अपील की थी, जिसे ट्रिब्यूनल ने स्वीकार कर लिया है. इतना ही नहीं, NCLT ने विजय कुमार अय्यर को फ्यूचर रिटेल का रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) भी नियुक्त कर दिया है. NCLT फ्यूचर रिटेल के खिलाफ यह कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) की आपत्तियों को खारिज करते हुए सुनाया.
अमेजन का आरोप, बैंक और फ्यूचर रिटेल मिले हुए
फ्यूचर रिटेल बैंक ऑफ इंडिया के कर्ज का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से डिफॉल्टर बन चुकी है. इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया ने अप्रैल 2022 में फ्यूचर रिटेल के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया. लेकिन 12 मई को अमेजन ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के सेक्शन 65 के तहत इस मामले में हस्तक्षेप की अपील दायर की थी. अमेजन ने कंपनी को दिवाला घोषित करने की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि बैंक ऑफ इंडिया और फ्यूचर रिटेल इस मामले में आपस में मिले हुए हैं. अमेजन ने कहा था कि अभी इस मामले में RFL को दिवाला घोषित करने की कार्रवाई शुरू करने से उसके अधिकारों का उल्लंघन होगा.
90 फीसदी गिर चुके हैं FRL के शेयर
पिछले साल 23 जुलाई 2021 को फ्यूचर रिटेल के शेयर 65.50 रुपये के भाव पर थे. हालांकि भारी कर्ज में डूबे होने और रिलायंस के साथ हुए सौदे के कानूनी लड़ाई में फंसने की वजह से इसमें भारी गिरावट आ चुकी है. बुधवार को बीएसई में FRL का भाव महज 6.96 रुपये था. यानी 52 हफ्ते के सबसे ऊंचे स्तर के मुकाबले यह करीब 90 फीसदी टूट चुका है.
रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल को खरीदने के लिए अगस्त 2020 में 24,713 करोड़ रुपये का सौदा किया था. लेकिन अमेजन ने इस पर एतराज जाहिर किया था, जिससे यह सौदा कानूनी लड़ाई में फंस गया. इस साल अप्रैल में रिलायंस ने शेयर बाजारों को जानकारी दी कि यह सौदा अब आगे नहीं बढ़ सकता है, क्योंकि ग्रुप के सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने इसके खिलाफ वोट किया है.
(इनपुट: पीटीआई, बीएसई)