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Reliance-Future Retail Deal: सौदे को शेयरधारकों की मंजूरी में हो सकती है देरी, एनसीएलटी ने ईजीएम बुलाने पर लगाई रोक

Reliance Industries में अपने रिटेल कारोबार के विलय को मंजूरी देने के लिए Future Retail को एक EGM बुलाना था. एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने इस बैठक पर रोक लगा दी.

Reliance Industries में अपने रिटेल कारोबार के विलय को मंजूरी देने के लिए Future Retail को एक EGM बुलाना था. एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने इस बैठक पर रोक लगा दी.

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NCLT stays Future Retail EGM on RIL merger nod reliance amazon

एनसीएलटी का नया आदेश फ्यूचर ग्रुप द्वारा एक आवेदन दाखिल करने के बाद आया है. फ्यूचर ग्रुप ने ट्रिब्यूनल में एक आवेदन दाखिल किया था कि ईजीएम के पेपर वर्क तैयार नहीं है और कंपनी ने ईजीएम को नवंबर के अंत तक बुलाने की मंजूरी मांगी थी.

Reliance-Future Retail Deal: रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) में अपने रिटेल कारोबार के विलय को मंजूरी देने के लिए फ्यूचर रिटेल (Future Retail) को एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) बुलाना था. सोमवार (8 नवंबर) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने इस बैठक पर रोक लगा दी है. ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ ने कहा कि जब तक फ्यूचर रिटेल और रिलांयस के बीच के सौदे को लेकर विस्तृत फैसला नहीं आ जाता है, फ्यूचर रिटेल शेयरधारकों की बैठक नहीं बुला सकता है, चाहे वह अस्थाई तौर पर बुलाना चाहे तो भी.

यह एनसीएलटी के पूर्व रूख के विपरीत है. पिछले हफ्ते फ्यूचर रिटेल ने बाजार नियामक सेबी को जानकारी दी थी कि एनसीएलटी के निर्देशों के मुताबिक वह इस सौदे को लेकर 6-9 नवंबर के बीच ई-वोटिंग शुरू करने वाली है जिसके नतीजे अगले दिन यानी कि 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. एनसीएलटी ने रिलायंस के सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के साथ सौदे को लेकर शेयरधारकों की मंजूरी लेने का निर्देश दिया था.

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Amazon ने जताई थी ईजीएम पर आपत्ति

एनसीएलटी का नया आदेश फ्यूचर ग्रुप द्वारा एक आवेदन दाखिल करने के बाद आया है. फ्यूचर ग्रुप ने ट्रिब्यूनल में एक आवेदन दाखिल किया था कि ईजीएम के पेपर वर्क तैयार नहीं है और कंपनी ने ईजीएम को नवंबर के अंत तक बुलाने की मंजूरी मांगी थी. दिग्गज अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) पहले ही ईजीएम को लेकर आपत्ति जाहिर की थी. अमेजन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट, सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) और बॉम्बे हाई कोर्ट जैसे विभिन्न ट्रिब्यूनल ने जब इस मामले में फ्यूचर रिटेल को अंतरिम राहत देने से मना कर दिया तो कंपनी ईजीएम कैसे बुला सकती है.

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अमेजन के निवेश को लेकर सीसीआई पहुंचे स्वतंत्र निदेशक

एक साल पहले अगस्त 2020 में रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप के खुदरा कारोबार के अधिग्रहण के लिए 24713 करोड़ रुपये का सौदा किया था. इस सौदे को लेकर अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने आपत्ति जताई थी और कहा कि उसके और फ्यूचर ग्रुप के बीच 2019 में साझेदारी हुई थी जिसके शर्तों के मुताबिक रिलायंस समेत कुछ कंपनियों में फ्यूचर रिटेल का विलय नहीं हो सकता है. इसके बाद अमेजन पिछले साल एसआईएसी पहुंची. रविवार को फ्यूचर रिटेल के स्वतंत्र निदेशकों ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से नवंबर 2019 में हुए अमेजन-फ्यूचर कूपंस सौदे को दी गई मंजूरी को रद्द करने की मांग की थी.

उनका आरोप है कि यह फॉरेन एक्सचेंज रूल्स का उल्लंघन है और इसमें तथ्यों को छुपाया गया है और सीसीआई समेत अन्य संस्थानों के समक्ष गलत तरीके से पेश किया गया. इसके अलावा स्वतंत्र निदेशकों ने सीसीआई को यह मंजूरी भी रद्द करने की मांग की है जिसके तहत अमेजन को फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड में 1431 करोड़ रुपये निवेश करने की मंजूरी दी गई है. अमेजन की फ्यूचर ग्रुप कंपनी फ्यूचर कूपंस में 49 फीसदी हिस्सेदारी है और फ्यूचर कूपंस की फ्यूचर रिटेल में 9.9 फीसदी हिस्सेदारी है.

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