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'HOT थीम' पर दांव नहीं है मुनाफे की गारंटी, क्यों पिट रहे हैं नए जमाने के बिजनेस वाली कंपनियों के स्टॉक

ज्यादातर लिस्टेड न्यू एज बिजनेस स्टॉक अपने 52 हफ्ते के हाई से तो गिरे ही हैं, वहीं लिस्टिंग प्राइस से भी कमजोर हुए हैं.

ज्यादातर लिस्टेड न्यू एज बिजनेस स्टॉक अपने 52 हफ्ते के हाई से तो गिरे ही हैं, वहीं लिस्टिंग प्राइस से भी कमजोर हुए हैं.

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Sushil Tripathi
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'HOT थीम' पर दांव नहीं है मुनाफे की गारंटी, क्यों पिट रहे हैं नए जमाने के बिजनेस वाली कंपनियों के स्टॉक

पिछले साल प्राइमरी मार्केट का ट्रेंड देखें तो 'HOT थीम' वाले शेयरों की खूब चर्चा रही है. (image: pixabay)

New Age Business Stocks: पिछले साल प्राइमरी मार्केट का ट्रेंड देखें तो 'HOT थीम' वाले शेयरों की खूब चर्चा रही है. बाजार में कई ऐसी कंपनियों ने अपने शेयर लिस्ट कराए जो नए जमाने के बिजनेस वाली थीम से जुड़ी थीं. इनमें Paytm, CarTrade Tech, Zomato, Nykaa, Fino Payments, PB Fintech और AGS Transact जैसे स्टॉक शामिल हैं. लेकिन इनमें से ज्यादातर के शेयरों की जमकर पिटाई हुई है. IPO आने के समय इनकी चर्चा खूब रही, लेकिन लिस्ट होने के बाद ज्यादातर शेयरों से निवेशकों ने दूरी बना ली है. इनमें से कई कंपनियों के स्टॉक वापस अपने इश्यू प्राइस या उससे भी कमजोर हो चुके हैं. आखिर ऐसी क्या वजह है कि इनके शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है.

बुल मार्केट रन का उत्साह

Swastika Investmart के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि ज्यादातर लिस्टेड न्यू एज बिजनेस स्टॉक अपने 52 हफ्ते के हाई से तो गिरे ही हैं, वहीं लिस्टिंग प्राइस से भी कमजोर हुए हैं. कुछ शेयर तो इश्यू प्राइस से भी नीचे हैं. इसकी प्रमुख वजह तो यह है कि इनमें से कई कंपनियां बुल मार्केट रन के उत्साह पर सवार होकर अपना आईपीओ ले आई थीं. इनके आईपीओ का वैल्युएशन रेवेन्यू का 30 से 50 गुना ज्यादा था. जैसा कि स्टॉक की कीमतें अंडरलाइंग बिजनेस के फंडामेंटल्स को ट्रैक करती हैं, इन नए जमाने की कंपनियों को बाजार में एक रियल्टी चेक मिला है, क्योंकि देर-सबेर इन कंपनियों को मुनाफे की रिपोर्ट करनी होती है.

बिजनेस मॉडल और फ्यूचर आउटलुक पर क्लेरिटी नहीं

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उनका कहना है कि हाल के आईपीओ लहर के दौरान निवेशकों ने वैल्युएशन पर ध्यान न देने की गलतियां की हैं. लेकिन अब उन्होंने महसूस किया है कि हॉट थीम का पीछा करना आम तौर पर हमेशा काम नहीं करता है. इस वजह से निवेशक अब उन शेयरों से दूरी बना रहे हैं, जिनका वैल्युएशन ज्यादा है और जिनके बिजनेस मॉडल और फ्यूचर आउटलुक के बारे में क्लेरिटी नहीं है. वहीं जिनके पास कोई सॉलिड प्रतिस्पर्धात्मक लाभ नहीं है. महंगाई और टाइट सप्लाई चेन कंडीशन सेंट्रल बैंकों को अल्ट्रा लो इंटरेस्ट रेट के युग को खत्म करने के लिए मजबूर कर रही है. इसी वजह से दुनिया भर के निवेशक नॉन-प्रॉफिटेबल टेक शेयरों के प्रति इंटरेस्ट खो रहे हैं.

किस शेयर का क्या है हाल

One 97 Paytm: इश्यू प्राइस से 73 फीसदी कमजोर
PB Fintech: इश्यू प्राइस से 24 फीसदी कमजोर
Fino Payments: इश्यू प्राइस से 50 फीसदी कमजोर
FSN E-Co Nykaa: रिकॉर्ड हाई से 31 फीसदी कमजोर
CarTrade Tech: इश्यू प्राइस से 65 फीसदी कमजोर
Zomato: इश्यू प्राइस पर वापस आया शेयर
ABSL AMC: इश्यू प्राइस से 29 फीसदी कमजोर

(Disclaimer: यहां शेयरों पर दिए गए विचार मार्केट एक्सपर्ट के हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए किसी भी शेयर में निवेश या बिकवाली के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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