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Indian Equity Markets : चीन के बाजारों में इंटरेस्ट कम हो रहा है, जिससे बाजार में करेक्शन के बाद भारतीय वैल्युएशन अधिक आकर्षक हो गया है. (Pixabay)
NDA victory boost market sentiment : बीते शुक्रवार यानी 22 नवंबर 2024 को जियो-पॉलिटिकल टेंशन और अडानी ग्रुप को लेकर नई चिंताओं के कारण उतार-चढ़ाव भरे हफ्ते से गुजरते हुए, भारतीय इक्विटी बाजारों ने दो हफ्ते की गिरावट का सिलसिला तेजी के साथ समाप्त किया. 22 नवंबर को सेंसेक्स में 1961 अंकों की तेजी रही और यह 79117 के लेवल पर बंद हुआ. जबकि निफ्टी 557 अंकों की बड़ी तेजी के साथ 23900 के पार बंद हुआ. अब महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में बीजेपी को भारी बहुमत मिलने के बाद उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को शेयर बाजार में एक बड़ी रैली देखने को मिल सकती है.
बुल की वापसी से सेंटीमेंट स्थिर
Swastika Investmart के हेड आफ रिसर्च, संतोष मीना का कहना है कि मिड वीक के सेशन में बाजार में घबराहट हावी रही, लेकिन शुक्रवार को महाराष्ट्र चुनाव में एनडीए गठबंधन की जीत के एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों के समर्थन से बुल की वापसी ने सेंटीमेंट को स्थिर करने में मदद की. उनका कहना है कि ऐतिहासिक रूप से, गिरावट के ट्रेंड अक्सर घबराहट वाले दिनों में समाप्त होते हैं. ऐसा लगता है कि अडानी ग्रुप द्वारा प्रेरित बिकवाली ने ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ को मार्क किया है. लगभग 2 सीरीज के लिए बाजार में ओवरसोल्ड के साथ, नवंबर का महीना खत्म होने के पहले एक शॉर्ट-कवरिंग रैली उभरी है.
महाराष्ट्र में एनडीए (BJP +) की जीत से सेंटीमेंट मजबूत
संतोष मीना का कहना है कि घरेलू मोर्चे पर, महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों के नतीजे महत्वपूर्ण ट्रिगर होंगे. विशेष रूप से महाराष्ट्र जहां एनडीए ने एकतरफा जीत देखी है, जिससे बाजार में तेजी के सेंटीमेंट को और बढ़ावा मिलने की संभावना है. हालांकि, ग्लोबल फैक्टर बाजार के लिए महत्वपूर्ण रिस्क पैदा कर रहे हैं. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव ने महंगाई संबंधी चिंताओं को बढ़ा दिया है.
इसके साथ ही, मजबूत होते डॉलर इंडेक्स और ऊंचे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड का रुपये पर असर पड़ रहा है, जिससे अक्टूबर और नवंबर में संयुक्त रूप से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने 1.55 लाख करोड़ का रिकॉर्ड आउटफ्लो किया है. हालिया करेक्शन के बाद एफआईआई फ्लो की दिशा बाजार के लिए एक प्रमुख निर्णायक फैक्टर बनी रहेगी.
चीन के बाजारों में इंटरेस्ट कम हुआ
इसके अलावा, चीन के बाजारों में इंटरेस्ट कम हो रहा है, जिससे बाजार में करेक्शन के बाद भारतीय वैल्युएशन अधिक आकर्षक हो गया है. पीसीई नफ्लेशन, जीडीपी ग्रोथ रेट और एफओएमसी मीटिंग के मिनट जैसे अमेरिकी आर्थिक डेटा सहित ग्लोबल ट्रिगर, निवेशकों के सेंटीमेंट को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. कमोडिटी और जियो-पॉलिटिकल डेवलपमेंट भी ग्लोबल बाजारों के ट्रेंड को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण फैक्टर बने रहेंगे.
निफ्टी दिखा सकता है 25000 का लेवल
टेक्निकल मोर्चे पर, निफ्टी को अभी 23,200 के लेवल पर मजबूत समर्थन मिला है, जो चुनाव के दिन 21,281 के निचले स्तर से 26,277 के उच्चतम स्तर तक की अपनी पिछली रैली के 61.8 फीसदी रिट्रेसमेंट के अनुरूप है. इंडेक्स ने बुलिश ट्रेंड के साथ अपने 200-डीएमए को फिर से हासिल कर लिया, जो पोटेंशियल ट्रेंड के उलट होने का संकेत देता है.
निफ्टी के लिए इमेडिएट रेजिस्टेंस 24,030 के 20-डीएमए पर है, और इस लेवल से ऊपर का ब्रेकआउट निफ्टी को 24,550/25000 के लेवल तक पुश कर सकता है. नीचे की ओर, 23,500, 200-डीएमए के करीब, एक महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल बना हुआ है. इसी तरह, बैंक निफ्टी अपने 200-डीएमए पर मजबूती से कायम है, जिसमें 51,300-52,000 के लेवल पर इमेडिएट रेजिस्टेंस है, जबकि 52,600-53,300 हाई रेजिस्टेंस जोन है.