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कोरोना काल में गडकरी ने बिल्डरों को दिया मकान बेचने का 'मंत्र', कहा- दाम बढ़ने का इंतजार पड़ेगा भारी

कोरोना वायरस की बीमारी से रियल एस्टेट सेक्टर पर असर हुआ है जो पहले ही मांग में सुस्ती से परेशान था.

कोरोना वायरस की बीमारी से रियल एस्टेट सेक्टर पर असर हुआ है जो पहले ही मांग में सुस्ती से परेशान था.

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PTI
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nitin gadkari advises real estate companies to sell their unsold houses at no profit no loss to boost their liquidity and save interest cost

कोरोना वायरस की बीमारी से रियल एस्टेट सेक्टर पर असर हुआ है जो पहले ही मांग में सुस्ती से परेशान था. (File Pic)

nitin gadkari advises real estate companies to sell their unsold houses at no profit no loss to boost their liquidity and save interest cost कोरोना वायरस की बीमारी से रियल एस्टेट सेक्टर पर असर हुआ है जो पहले ही मांग में सुस्ती से परेशान था. (File Pic)

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को रियल एस्टेट सेक्टर में मौजूद कंपनियों को अपनी नहीं बिकी हाउसिंग यूनिट्स को बिना किसी मुनाफे या घाटे पर भी बेचने के लिए कहा है. उनके मुताबिक इससे उनकी लिक्विडिटी की स्थिति को बढ़ावा देने और लोन पर ब्याज को बचाने में मदद मिलेगी. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की बीमारी से रियल एस्टेट सेक्टर पर असर हुआ है जो पहले ही मांग में सुस्ती से परेशान था. उन्होंने यह बात रियल्टर्स बॉडी NAREDCO द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही.

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गडकरी ने पूरे समर्थन का आश्वासन करते हुए बिल्डरों को अपने प्रतिनिधियों को हाउसिंग और वित्त मंत्रालय के साथ प्रधानमंत्री दफ्तर (पीएमओ) में भेजने का सुझाव दिया जिससे वे वर्तमान संकट से मुकाबला करने के लिए तरीके बता सकें.

हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को स्थापित करने की सलाह

कोरोना वायरस की वजह से आए संकट से जूझने और घरों की मांग बढ़ाने के लिए वरिष्ठ मंत्री ने बिल्डरों को कई सुझाव दिए. इनमें ग्रामीण इलाकों में कारोबार का विस्तार करना, रोड कंस्ट्रक्शन में विविधता लाना और अपनी खुद की हाउसिंग फाइनेंस को स्थापित करना शामिल है. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का उदाहरण देते हुए, जहां बहुत से मैन्युफैक्चरिंग करने वालों की अपनी खुद की फाइनेंस कंपनियां हैं, गडकरी ने कहा कि रियल एस्टेट कंपनियां अपनी खुद की हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को स्थापित करने के बारे में सोच सकती हैं, जिससे वे ग्राहकों को कम दर पर लोन दे सकें और बैंक पर पूरी तरह से निर्भर न होना पड़े.

उन्होंने कहा कि नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) को मजबूत करने की जरूरत है. इसके लिए सरकारी और निजी सेक्टर को इक्विटी का संचार करना होगा. NBFCs को अंतरराष्ट्रीय बाजार से फंड लेने चाहिए जहां ब्याज दरें कम हैं.

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गडकरी ने होम लोन पर कम ब्याज दर की भी वकालत की

मंत्री ने होम लोन पर कम ब्याज दरों के साथ ज्यादा लंबी अवधि की वकालत की जिससे ग्राहक की ईएमआई कम बनी रह सके. जिन बिल्डरों के पास बड़े स्तर पर ऐसी हाउसिंग यूनिट्स हैं जो नहीं बिकीं, गडकरी ने बिल्डरों को सुझाव दिया कि लालची न हों. आपको प्रीमियम प्राइस नहीं मिलेगा. जो कीमत मिल रही है, उस पर अपनी प्रॉपर्टी को बेचें और आगे बढ़ें.

उन्होंने कहा कि मुंबई में बहुत से बिल्डर हैं जो अपने नहीं बिके हुए स्टॉक को क्लियर नहीं कर रहे हैं और कीमतों के बढ़कर 35,000-40,000 रुपये प्रति स्क्वॉयर फीट पर पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं. मंत्री ने कहा कि वे गलती कर रहे हैं. बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और निजी कर्जदाताओं का ब्याज बढ़ रहा है.

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