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वीडियोकॉन समूह ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज के साथ कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस से गुजर रही है.
वीडियोकॉन के रिजॉल्यूशन प्रॉसेस में देरी हो सकती है. कर्ज के बोझ से लदी हुई वीडियोकॉन समूह के एनर्जी कारोबार के लिए अभी तक लेंडर्स के कंसोर्टियम को कोई बोली नहीं प्राप्त हुई है. हालांकि इससे पहले कुछ कंपनियों ने इसमें अपनी दिलचस्पी दिखाई थी. कोई बोली नहीं मिलने के चलते एसबीआई की अध्यक्षता में क्रेडिटर्स की कमेटी ने वीडियोकॉन ऑयल वेंचर्स लिमिटेड (VOVL) के रिजॉल्यूशन प्रॉसेस की डेडलाइन को बढ़ा दिया है और अब इस प्रक्रिया को 30 सितंबर तक पूरा करना है. वोडाफोन ऑयल वेंचर्स की संपत्तियों की बिक्री में देरी का असर इसकी पैरेंट कंपनी वीडियोकॉन (Videocon) की रिजॉल्यूशन प्रक्रिया पर पड़ेगा. वीडियोकॉन ऑयल वेंचर्स वैश्विक सब्सिडियरी फर्म के जरिए तेल और गैस निकालती है.
शुरुआती दिलचस्पी के बावजूद निर्णायक बिड नहीं
करीब तीन साल पहले एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने एसबीआई के बिहाफ पर वीओवीएल की तेल व गैस संपत्तियों की बिक्री के लिए एक्सप्रेशंस ऑफ इंटेरेस्ट (EoI) मंगाए थे. वेदांता और पेट्रोब्रास समेत चार कंपनियों ने ईओआई दाखिल किए थे. हालांकि इनमें से किसी भी कंपनी ने निर्णायक बिड दाखिल नहीं की थी. क्रेडिटर्स कमेटी में 21 लेंडर्स शामिल हैं जिसमें एसबीआईष आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक, पीएनबी और बैंक ऑफ महाराष्ट्र समेत 13 बैंक भी शामिल हैं.
वीडियोकॉन ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में अपने शुरुआती सबमिशन में कहा था कि समूह की सभी संपत्तियों को बिक्री प्रक्रिया के लिए एक कर देना चाहिए. हालांकि क्रेडिटर्स कमेटी ने कुछ संपत्तियों को अलग बेचने का फैसला किया था.
संपत्तियों व बैंक खातों का खुलासा करने का आदेश
वीडियोकॉन समूह इस समय ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज के साथ कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस से गुजर रही है. ट्विन स्टार में वेदांता ग्रुप की भी हिस्सेदारी है. वीडियोकॉन ग्रुप सभी संपत्तियों को खरीदने पर सहमत हुई थी लेकिन जुलाई 2021 में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) मे बैंक ऑफ महाराष्ट्र की एक याचिका पर इस सौदे पर रोक लगा दिया. वीडियोकॉन ग्रुप पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र का 1216.88 करोड़ रुपये का कर्ज है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने असहमत फाइनेंशियल क्रेडिटर्स को नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स और इक्विटी के जरिए पेमेंट को नियमों का उल्लंघन बताते हुए इस सौदे पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने बाद में एनसीएलएटी के आदेश को खारिज करने से मना कर दिया था और अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 7 सितंबर को अपना अंतिम निर्णय सुनाने का निर्देश दिया था. पिछले हफ्ते एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की याचिका पर वीडियोकॉन ग्रुप के बैंक खातों को फ्रीज करने और संपत्तियों को अटैच करने का आदेश दिया था. एनसीएलटी ने अपने आदेश में प्रमोटर वेणुगोपाल धूत से ग्रुप की देश-विदेश में स्थित संपत्तियों व बैंक खातों के बारे में जानकारी को डिस्क्लोज करने का आदेश दिया था.