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नए साल से एक माह का जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने पर जीएसटीआर-1 जमा नहीं कर सकेंगे.
नए साल यानी एक जनवरी से संक्षिप्त रिटर्न और मासिक माल एवं सेवा कर (GST) के भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों को आगे के महीने के लिए GSTR-1 बिक्री रिटर्न दाखिल करने की अनुमति नहीं होगी. 17 सितंबर को लखनऊ में हुई बैठक में जीएसटी काउंसिल ने कई निर्णय लिए, इनमें कंपनियों या कारोबारियों द्वारा रिफंड का दावा करने के लिए आधार सत्यापन को अनिवार्य किया जाना भी शामिल है. माना जा रहा है कि कदम से जीएसटी की चोरी से राजस्व में होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा. जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई, 2017 को लागू हुई थी.
जीएसटी काउंसिल ने एक जनवरी, 2022 से केंद्रीय जीएसटी नियम 59 (6) में संशोधन करने का फैसला किया है. इसके तहत अगर किसी पंजीकृत व्यक्ति ने पिछले महीने का फॉर्म GSTR-3B में रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो उसे जीएसटीआर-1 जमा करने की अनुमति नहीं होगी. अभी कंपनियां अगर पिछले दो माह का GSTR-3B जमा करने में चूक जाती हैं, तो उन्हें बाहरी आपूर्ति या जीएसटीआर-1 जमा करने की अनुमति नहीं होती.
जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य
कंपनियों को किसी महीने का GSTR-1, बाद के महीने के 11वें दिन तक जमा कराना होता है. वहीं GSTR-3B जिसके जरिये कंपनियां कर का भुगतान करती हैं, उसके बाद के माह के 20वें से 24वें दिन जमा कराना होता है. इसके अलावा काउंसिल ने जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है तभी कोई कंपनी रिफंड के लिए दावा कर सकेगी.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार सत्यापन को 21 अगस्त, 2020 से अनिवार्य किया था। काउंसिल ने अब फैसला किया है कि कंपनियों को अपने जीएसटी पंजीकरण को बायोमीट्रिक आधार से जोड़ना होगा, तभी वे रिफंड के लिए दावा कर सकेंगी या रद्द पंजीकरण को फिर बहाल करने के लिए आवदेन कर सकेंगी।
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