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NSE IPO News : एनएसई की आईपीओ लाने की योजना पिछले 8 साल से अटकी हुई है. शेयर बाजार ने सबसे पहले 2016 में आईपीओ लाने के लिए दस्तावेज दाखिल किए थे. Photograph: (Freepik)
National Stock Exchange IPO : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आईपीओ को लेकर इंतजार है. एनएसई की आईपीओ लाने की योजना पिछले 8 साल से अटकी हुई है. एनएसई ने इसके लिए एक बार फिर कोशिश शुरू कर दी है. हालांकि यह कब आएगा इसे लेकर अभी तक कुछ क्लीयर नहीं हुआ है. मार्केट रेगुलेटर (सेबी) के प्रमुख तुहिन कांत पांडेय ने कहा है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की बहुप्रतीक्षित इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ), नियामकीय समीक्षा के अंतर्गत है. एनएसई और सेबी के बीच कुछ मुद्दों को सुलझाने के लिए चर्चा जारी है. सेबी की चिंताओं में प्रमुख प्रबंधन कर्मियों को दिया जाने वाला क्षतिपूर्ति, टेक्नोलॉजीऔर समाशोधन निगम में मेजॉरिटी ओनरशिप आदि मुद्दे शामिल हैं.
एनएसई ने फिर से शुरू की प्रक्रिया
अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए सेबी में आवेदन कर एनएसई (NSE) ने अपनी लिस्टिंग होने की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया है. एनएसई ने अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवदेन दाखिल कर दिया है, लेकिन आईपीओ कब आएगा इसकी समय-सीमा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. दोनों पक्ष प्रमुख मुद्दों को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं, जिनमें कंपनी संचालन का मुद्दा भी शामिल हैं. आईपीओ के लिए संभावित समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने न्यूज एजेंसी से कहा कि मैं इस समय सिर्फ इतना कह सकता हूं कि कुछ मुद्दे हैं, जिन पर एनएसई और सेबी के बीच चर्चा जारी है. हम इसे स्पष्ट करने के इरादे से आगे बढ़ रहे हैं. हम इन मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करेंगे.
8 साल से अटका है IPO
गौरतलब है कि एनएसई की आईपीओ लाने की योजना पिछले 8 साल से अटकी हुई है. शेयर बाजार ने सबसे पहले 2016 में आईपीओ लाने के लिए दस्तावेज दाखिल किए थे. इसके जरिए मौजूदा शेयरधारकों की 22 फीसदी शेयर बेचकर बिक्री पेशकश के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना थी. हालांकि, कंपनी के संचालन और ‘को-लोकेशन’ मामले से जुड़ी नियामक चिंताओं के कारण सेबी ने मंजूरी नहीं दी थी. तब से एनएसई ने मंजूरी के लिए कई बार सेबी का रुख किया है.
देश की 10वीं सबसे मूल्यवान निजी कंपनी
एनएसई ‘को-लोकेशन’ का मतलब ऐसी सुविधा से है, जहां कारोबारी सदस्य अपने सर्वर को एक्सचेंज के परिसर में रख सकते हैं. जिससे बाजार के आंकड़ों और ऑर्डर एग्जीक्यूशन तक तीव्र पहुंच संभव हो जाती है. इस सुविधा का कुछ ब्रोकर द्वारा कथित रूप से लाभ उठाने को लेकर एनएसई जांच के घेरे में आई थी. सेबी (SEBI) ने एनएसई के आईपीओ पर विचार करने के लिए एक आंतरिक समिति के गठन की मार्च में घोषणा की थी और बाजार नियामक ने एनएसई से सभी मुद्दों को हल करने के लिए कहा था. एनएसई का मूल्यांकन करीब 4.7 लाख करोड़ रुपये है. ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया’ 500 लिस्टेड और नॉन लिस्टेड कंपनियों के अनुसार, भारत का सबसे बड़ा शेयर बाजार पहले से ही देश की 10वीं सबसे मूल्यवान निजी कंपनी है.