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रिटेल ट्रेडर्स के लिए खुशखबरी! Nifty 50 डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स का लॉट साइज घटा, निवेशकों को क्या होगा फायदा?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने Nifty50 पर डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स के लिए मार्केट लॉट साइज में कटौती करने का एलान किया है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने Nifty50 पर डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स के लिए मार्केट लॉट साइज में कटौती करने का एलान किया है.

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PTI
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NSE reduces mARKET lot size for Nifty 50 derivative contracts

निफ्टी के लिए लॉट साइज में कटौती से रिटेल ट्रेडर्स पर भार कम होगा. (Representative Image)

रिटेल ट्रेडर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने Nifty50 पर डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स के लिए मार्केट लॉट साइज में कटौती करने का एलान किया है. अब निफ्टी 50 पर डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स के लिए मार्केट लॉट साइज 75 की बजाय 50 का होगा. इससे रिटेल ट्रेडर्स को बहुत फायदा होगा क्योंकि इससे एक्सेसिव अपफ्रंट मार्जिन का बोझ कम होगा यानि कि डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स के लिए उन्हें कम पैसे लगाने होंगे. एनएसई ने इससे जुड़ा सर्कुलर एक दिन पहले बुधवार 31 मार्च को जारी किया. हालांकि यह फैसला मई 2021 और जून 2021 के कांट्रैक्ट्स के लिए नहीं लागू होगा.

इसका कितना फायदा होगा, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि वर्तमान मार्केट प्राइस के मुताबिक एक लॉट के लिए कांट्रैक्ट कर रहे हैं तो 1.73 लाख की बजाय 1.16 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी, यानी कि 57 हजार रुपये की बचत होगी.

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इन कांट्रैक्ट्स के लिए लागू होगा NSE का फैसला

एनएसई द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक जुलाई 2021 एक्सपायरी कांट्रैक्ट्स के मार्केट लॉट्स को संशोधित किया जाएगा. जिन कांट्रैक्ट्स की मेच्योरिटी मई 2021 और जून 2021 है, उनके लिए लॉट साइज 75 ही है. जुलाई 2021 और उसके बाद की एक्सपायरी वाले कांट्रैक्ट्स के लिए संशोधित लॉट साइज ही लागू होगा. वीकली एक्सपायरी के मामले में यह फैसला अगस्त 2021 से लागू होगा. वर्तमान में 3 महीने से अधिक की एक्सपायरी वाले निफ्टी लांग टर्म ऑप्शंस कांट्रैक्ट्स को संशोधित किया जाएगा.

इस उदाहरण से समझ सकते हैं फायदे को

निफ्टी के लिए लॉट साइज में कटौती से रिटेल ट्रेडर्स पर भार कम होगा. स्टॉकब्रोकिंग फर्म FYERS के सीईओ तेजस खोडे के मुताबिक इससे फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए मार्जिन रिक्वायरमेंट्स में एक तिहाई की कटौती हो गई. इसे ऐसे समझ सकते हैं जैसे कि वर्तमान बाजार भाव पर ट्रेडर्स को एक लॉट के लिए 1.73 लाख रुपये की जरूरत पड़ती है लेकिन जुलाई के बाद से मार्जिन की जरूरत वर्तमान भाव पर 1.16 लाख रुपये की ही पड़ेगी. यानी कि 1.73 लाख रुपये के मुकाबले महज 1.16 लाख रुपये में ही रिटेल ट्रेडर्स एक लॉट के लिए कांट्रैक्ट कर सकेंगे.

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